चुनाव सुधार की वकालत करने वाले संगठन ‘एसोसिएशन फॉर डेमोक्रैटिक रिफॉर्म्स’ (एडीआर) ने निर्वाचन आयोग से उन राजनीतिक दलों के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया है, जो पिछले कुछ वर्षों में हुए विभिन्न विधानसभा चुनावों में अपने उम्मीदवारों की आपराधिक पृष्ठभूमि प्रकाशित करने में विफल रहे हैं।
एडीआर ने आयोग को लिखे पत्र में कहा है कि उच्चतम न्यायालय के निर्देशों और तदनुसार निर्वाचन आयोग की ओर से जारी किये गये दिशानिर्देशों के बाद, केंद्रीय और राज्य स्तर पर राजनीतिक दलों के लिए यह अनिवार्य किया गया है कि वे अपने उम्मीदवारों के खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों, अपराधों की प्रकृति और उनकी आपराधिक पृष्ठभूमि की विस्तृत जानकारी अपनी वेबसाइट पर उपलब्ध कराएं।
राजनीतिक दलों को ऐसे उम्मीदवारों के चयन के कारण भी बताने होंगे और यह भी बताना होगा कि बिना आपराधिक पृष्ठभूमि वाले अन्य व्यक्तियों को उम्मीदवारों के रूप में क्यों नहीं चुना जा सकता है।
19 जून को लिखे गये पत्र में कहा गया है, ‘‘उच्चतम न्यायालय के 25 सितंबर, 2018 और 13 फरवरी 2020 के निर्देशों के अमल को लेकर इस आयोग (ईसी) द्वारा जारी अनिवार्य निर्देशों की जानबूझकर अवज्ञा और उल्लंघन के खिलाफ आयोग के समक्ष यह आवेदन दायर किया जा रहा है।
एडीआर ने कहा है कि शीर्ष अदालत ने राजनीतिक दलों को ऐसे व्यक्तियों के चयन के कारणों के साथ उनके द्वारा चुने गए उम्मीदवारों के खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों का विवरण प्रकाशित करने में विफल रहने के लिए फटकार लगाई थी।
बाद में, शीर्ष अदालत ने अपने आदेशों का पालन नहीं करने के लिए 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने वाले 10 राजनीतिक दलों को दंडित भी किया था।
आयोग ने कहा है, ‘‘इस पृष्ठभूमि में, एडीआर उन राजनीतिक दलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू करने की मांग कर रहा है, जिन्होंने 2023 में त्रिपुरा, मेघालय, नगालैंड और कर्नाटक के विधानसभा चुनावों, 2022 में गुजरात, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, मणिपुर और पंजाब में तथा 2021 में पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल, असम और पुडुचेरी में हुए चुनावों में खड़ा किये अपने उम्मीदवारों की आपराधिक पृष्ठभूमि का ब्योरा उपलब्ध कराने में विफल रहे हैं।’’
एडीआर ने कहा कि निर्वाचन आयोग को प्रत्येक चुनाव के दौरान की गयी इस तरह की चूक की रिपोर्ट तुरंत उच्चतम न्यायालय को करनी चाहिए।
पत्र में कहा गया है, ‘आयोग को उक्त उल्लंघन के लिए जुर्माना लगाने पर भी विचार करना चाहिए।’