नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) को मिले चुनावी चंदे पर भले ही इसी साल तीखी सियासी जंग से गुजरी हो, मगर हकीकत यह है कि राजनीतिक दलों को अपने अधिकतर चंदा देने वाले लोगों की जानकारी ही नहीं होती है।
चुनाव आयोग के समक्ष राष्ट्रीय पार्टियों की ओर से पेश किए गए ऑडिट रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि इन्हें अपने 80 प्रतिशत चंदा देने वालों की कोई जानकारी ही नहीं होती।
दरअसल महज 20 हजार रुपये से अधिक राशि का दान करने वाले लोगों की ही सभी सूचनाएं उपलब्ध कराने की कानूनी मजबूरी से बचने के लिए सियासी दल अज्ञात स्रोतों अर्थात कूपनों की बिक्री, पर्स मनी, सहायता कोष, अनुदान जैसे रास्तों से धन हासिल होने की जानकारी देते हैं।
नेशनल इलेक्शन वाच की रिपोर्ट के अनुसार बीजेपी को छोडक़र अन्य पांच राष्ट्रीय दलों कांग्रेस, बसपा, माकपा, भाकपा और राकांपा को वर्ष 2013-14 के दौरान करीब 845 करोड़ रुपये की आय हुई थी। इनमें अकेले कांग्रेस की भागीदारी करीब 71 प्रतिशत थी।