इसमें सबसे आगे भारतीय जनता पार्टी है। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रटिक राइट्स (एडीआर) ने चुनाव तके पहले चरण के दौरान मैदान में उतरने वाले 583 उम्मीदवारों का लेखा जोखा जारी किया है। जिसमें चौकाने वाली हकीकत सामने आई है।
पहले चरण में भाजपा 27 उम्मीदवारों में से 10 के उपर हत्या, डकैती, सांप्रदायिक हिंसा भड़काने और लूटपाट करने का मामला दर्ज है, वहीं अपराध के कई मामले भाजपा के 14 उम्मीदवारों पर दर्ज है।
इस मामले में भाजपा के सहयोगी दल राम विलास पासवान की पार्टी का हाल भी यही है। उनके कुल 13 उम्मीदवारों में से 6 पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं, वहीं 7 उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं।
ये हाल केवल भाजपा गठबंधन का ही नहीं बल्कि महागठबंधन का भी है जिसके अगुवा नीतीश कुमार हैं। गठबंधन के जनता दल (सेक्यूलर) के 24 में से 9 उम्मीदवारों पर गंभीर अपराध के मामले हैं और 11 जनता दल (यूनाइटेड) के उम्मीदवारों पर अपराध के मामले हैं।
लालू के राष्ट्रीय जनता दल के कुल 17 में से 6 उम्मीदवारों पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं वहीं आठ उम्मीदवारों पर सामान्य मामले दर्ज हैं।
निर्दलीय उम्मीदवारों में भी दागियों की संख्या कम नहीं है।यहां 192 उम्मीदवारों में से 45 उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज है, जिसमें 38 बेहद गंभीर है।
केवल दागी ही नहीं बल्कि करोड़पतियों की संख्या भी पहले चरण� में ज्यादा है। इसमें सबसे आगे जद (यू) है। पार्टी ने 19 करोड़पतियों को मैदान में उतारा है जबकि भाजपा ने 18 करोड़पतियों को अपना प्रत्याशी बनाया है।
वहीं लालू की पार्टी से 11 करोड़पति उम्मीदवारों को मौका दिया है। निर्दलीय उम्मीदवारों में 192 में से 42 करोड़पति उम्मीदवार मैदान में है।
कुल मिलाकर पहले चरण में भाजपा ने 52 प्रतिशत दागी उम्मीदवार उतारे हैं, तो वहीं 47 प्रतिशत राजद ने दागियों का चुनाव लड़ने का मौका दिया है।