राज्यसभा में हाल ही में निर्वाचित 57 सांसदों में से 55 यानी 96 फीसदी सदस्य करोड़पति हैं। 252 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति के साथ एनसीपी के प्रफुल्ल पटेल शीर्ष पर हैं, जबकि कांग्रेस के कपिल सिब्बल के पास 212.53 करोड़ और बसपा के सतीश चंद्र मिश्रा के पास 193 करोड़ रुपए की की संपत्तियां हैं।
कुल 55 नए करोड़पति सांसदों में से सत्तारूढ़ भाजपा के केवल दो सदस्यों को छोड़कर बाकी 15 सदस्य करोड़पति हैं। राज्यसभा के नवनिर्वाचित सदस्यों की संपत्ति का औसत मूल्य 35.84 करोड़ रुपए है।
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) के आंकड़ों के अनुसार सांसदों में सबसे ज्यादा सम्पत्ति का इजाफा अनिल दवे (भाजपा) की सम्पत्ति में हुआ है जो 2.75 लाख से बढ़कर 60.95 लाख हो गई है। यह वृद्धि 2.111 फीसदी है।
इसके बाद शिव सेना के संजय राऊत की सम्पत्ति 8.41 फीसदी 1.51 करोड़ से बढ़कर 14.22 करोड़ हो गई है। अपराधों में लिप्त नए सांसदों में तीन भाजपा और दो समाजवादी पार्टी के हैं। यह रिपोर्ट एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉम्र्स (एडीआर) ने जारी की है।
एडीआर के अनुसार 57 में से 13 सांसदों पर आपराधिक मामले हैं। इनमें सर्वाधिक तीन भाजपा के हैं। 19 सांसदों ने एक करोड़ रुपये या इससे अधिक देनदारी की जानकारी दी है।
बसपा के सतीश चंद्र मिश्रा की कुल सम्पत्ति का मूल्य 193 करोड़ रुपए है, वहीं उन पर 38 करोड़ रुपए की देनदारी है। हाल ही में हुए राज्यसभा चुनावों में उच्च सदन में 57 नये सदस्यों का निर्वाचन हुआ है। इनमें से 17 भाजपा के, नौ कांग्रेस के, सात सपा के, चार अन्नाद्रमुक के, तीन बीजद के हैं।
इनमें जदयू, राजद, द्रमुक, बसपा और तेदेपा के दो-दो, अकाली दल, राकांपा, शिवसेना तथा वाईएसआर कांग्रेस के एक-एक सदस्य निर्वाचित हुए हैं। एक निर्दलीय राज्यसभा सदस्य का भी चुनाव हुआ है।
