कर्नाटक चुनाव में किस्मत आज़मा रहे कुल 2560 उम्मीदवारों में से 391 ने कबूल किया कि उनके ऊपर आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिसमें से 254 के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले हैं।
राज्य में 12 मई को होने वाले चुनाव से पहले 2560 उम्मीदवारों की ओर से फाइल की गई एफिडेविट में से एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने 2555 उम्मीदवारों का विश्लेषण किया है, जिसमें से 95 उम्मीदवारों की ओर से दी गई एफिडेविट अधूरी या बहुत बुरी है।
अपने चुनावी हलफनामे में 25 उम्मीदवारों ने बताया कि उनके खिलाफ हत्या के प्रयास, वहीं चार पर मर्डर केस दर्ज है। इसके अलावा 23 उम्मीदवारों ने बताया कि उनके खिलाफ महिलाओं से छेड़छाड़ या उनकी अस्मिता को भंग करने के प्रयास का मामला दर्ज है। एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक, बड़ी पार्टियों में बीजेपी के उम्मीदवारों के खिलाफ सबसे ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज हैं। इसके बाद कांग्रेस और जेडी (एस) का नंबर है।
बीजेपी के 224 उम्मीदवारों में से 37 प्रतिशत यानी 83 के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं, वहीं कांग्रेस के 220 उम्मीदवारों में से 27 प्रतिशत यानी 59 उम्मीदवारों के खिलाफ केस दर्ज हैं।
जेडीएस के 199 उम्मीदवारों में से 41 के खिलाफ और नीतीश कुमार के जेडीयू के 25 उम्मीदवारों में से 5 के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। वहीं आप पार्टी के पांच सदस्यों के खिलाफ भी ऐसे मामले दर्ज हैं जबकि 1090 निर्दलीय उम्मीदवारों में से 108 ने अपने एफिडेविट में उनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने की बात कही है।
गंभीर आपराधिक मामलों के श्रेणी में भी भाजपा के उम्मीदवारों के खिलाफ सबसे ज्यादा मामले दर्ज हैं वहीं कांग्रेस और जेडीएस दूसरे नंबर पर हैं। बड़े पार्टियों में बीजेपी के 58, कांग्रेस के 32 और जेडीएस के 29 उम्मीदवारों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं।
एडीआर ने कर्नाटक के विधानसभा की 56 सीटों को संवेदनशील बताया है, जहां चुनाव में खड़े उम्मीदवारों में से कम से कम 3 पर आपराधिक मामले दर्ज हैं।
कर्नाटक चुनाव में खड़े उम्मीदवारों में से कुल 883 नेता करोड़पति हैं। इसमें कांग्रेस के 207 उम्मीदवार, जबकि बीजेपी के 93 प्रतिशत उम्मीदवार करोड़पति हैं। गौर करने वाली एक और रोचक बात यह है कि यहां चुनाव में हर उम्मीदवार के पास औसतन 7।54 करोड़ की प्रॉपर्टी है।
