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पिछले साल दिसंबर में हुए 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस और भाजपा को 744 करोड़ रुपए का फंड मिला और इन दलों ने 299 करोड़ रु. खर्च किए। दोनों पार्टियों ने सबसे ज्यादा 138 करोड़ रु. मध्यप्रदेश में खर्च किए। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (एडीआर) ने 3 महीने 3 दिन तक चले इस चुनाव के दौरान 6 राष्ट्रीय और 7 क्षेत्रीय दलों को मिले चंदे का विश्लेषण किया। 10 क्षेत्रीय दलों ने चुनावी खर्च से संबंधित आंकड़े नहीं दिए।
एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक, 2018 विधानसभा चुनाव के दौरान 12 राजनीतिक दलों को कुल 826.76 करोड़ का फंड मिला और इसमें से 337.84 करोड़ रु. खर्च किए गए। इसमें प्रचार पर 185.65 करोड़, उम्मीदवारों पर 147.56 करोड़, यात्रा पर 108.08 और अन्य पर 37.75 करोड़ खर्च किए गए। बता दें कि भाजपा को 394.99 करोड़, कांग्रेस को 349.35 करोड़, तेदेपा को 36.43 करोड़, बसपा को 24.11 करोड़ और सीपीएम को 10.89 करोड़ रुपए का फंड मिला है। इसमें से पार्टियों ने क्रमशः 203.74 करोड़, 95.05 करोड़, 0.377 करोड़, 17.21 करोड़, 0.92 करोड़ रुपए खर्च किए।
भाजपा ने प्रचार पर सबसे ज्यादा 115.9 करोड़ रु. खर्च किए। वहीं उम्मीदवारों को पार्टी ने 29.71 करोड़ रु. दिए। कांग्रेस ने सबसे ज्यादा खर्च उम्मीदवारों पर किया। कांग्रेस कैंडिडेट्स को 112.05 करोड़ रु. दिए गए। प्रचार पर पार्टी ने 63.94 करोड़ रु. खर्च किए। चुनाव के दौरान पार्टियों ने मध्यप्रदेश में 176.99 करोड़, राजस्थान में 71.76 करोड़, तेलंगाना में 71.69 करोड़, छत्तीसगढ़ में 52.41 करोड़ और मिजोरम में 1.22 करोड़ रु. खर्च किए।
इस दौरान सबसे ज्यादा 185.65 करोड का खर्च प्रचार पर हुआ। 147.56 करोड़ रुपए उम्मीदवारों को दिए गए।