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उत्तराखंड में 11 फरवरी को होने जा रहे विधानसभा चुनाव के मैदान में 200 ऐसे उम्मीदवार करोड़पति हैं जबकि 91 उम्मीदवारों ने बताया है कि उनके विरुद्ध आपराधिक मामले दर्ज हैं. नई दिल्ली के एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की सोमवार को जारी रिपोर्ट कहती है कि 637 उम्मीदवारों के विश्लेषण के अनुसार उनमें से 200 (करीब 31 फीसदी) प्रत्याशी करोड़पति हैं.

एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक पार्टी हिसाब से कांग्रेस के कुल 70 उम्मीदवारों में से 51 करोडपति हैं जबकि बीजेपी के 70 प्रत्याशियों में से 48 करोड़पति हैं. बसपा के 69 उम्मीदवारों में 19, उक्रांद के 55 उम्मीदवारों में 13, सपा के 20 उम्मीदवारों में चार और 261 निर्दलीय उम्मीदवारों में 53 ने अपने पास एक करोड़ से अधिक की संपत्ति होने की घोषणा की है.

रिपोर्ट के अनुसार ऐसे उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 1.57 करोड़ रुपये की है. लगभग 78 उम्मीदवारों ने अपना पैन ब्योरा नहीं दिया है. एडीआर का कहना है कि सबसे ज्यादा संपत्ति वाले तीन शीर्ष उम्मीदवार बीजेपी के सतपाल महाराज (80 करोड़ रुपये), निर्दलीय मोहन प्रसाद काला (75 करोड़ रुपये) और बीजेपी के शैलेंद्र मोहन सिंघल (35 करोड़ रुपये) हैं. मुख्यमंत्री हरीश रावत के पास छह करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति है.

रिपोर्ट कहती है कि 91 उम्मीदवारों ने अपने विरुद्ध आपराधिक मामले दर्ज होने की घोषणा की है. 54 का कहना है कि उनके विरुद्ध गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं. एडीआर ने कहा कि बीजेपी के 19, कांग्रेस के 17, बसपा के सात, उत्तराखंड क्रांति दल के चार, सपा के दो और 32 निर्दलीय उम्मीदवारों ने हलफनामों में अपने आपराधिक मामले चलने की घोषणा की है.

शिक्षा के मोर्चे पर 256 उम्मीदवारों ने अपनी शिक्षा पांचवीं पास से लेकर 12वीं पास तक बताई है. 340 उम्मीदवारों ने ग्रैजुएशन या उससे ज्यादा तक की शिक्षा अर्जित करने की घोषणा की है. 393 उम्मीदवार 25-50 साल उम्र वर्ग के हैं जबकि 238 प्रत्याशी 51-80 साल के हैं. चुनाव मैदान में 56 महिला उम्मीदवार भी हैं.