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Source
The Fact India
https://thefactindia.com/story/BJP%27s-assets-increased-by-Rs-1056-crore-in-one-year-Trinamool-Congress-at-second-place-Congress%27s-assets-increased
Date

The Fact India: देश की सात राष्‍ट्रीय पार्टियों की घोषित संपत्ति 1 साल में 1531 करोड़ रुपये बढ़ गई है। इनमें भी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की संपत्ति में 21 फीसदी (1056 करोड़) की वृद्धि हुई है। दूसरे नंबर पर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) है। एक साल के अंदर टीएमसी की घोषित संपत्ति में 276 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई है। तीसरे नंबर पर कांग्रेस है। एक साल में कांग्रेस की कुल संपत्ति में 16 फीसदी (114 करोड़ रुपये) बढ़ी है। वहीं, राष्‍ट्रीय पार्टी बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की घोषित संपत्ति कम हुई है। एक साल में बसपा की संपत्ति में 42 करोड़ रुपये की कमी हुई है।

द एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट सामने आई है। 2020-21 में देश के आठ राष्‍ट्रीय पार्टियों की संपत्ति 7,297.62 करोड़ रुपये थी। 2021-22 के दौरान इनकी संपत्ति बढ़कर 8,829.16 करोड़ रुपये हो गई है।

ये पार्टियां भाजपा, कांग्रेस, नेशनल कांग्रेस पार्टी (एनसीपी), बहुजन समाज पार्टी (बसपा), कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (सीपीआई), कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया, माओवादी सीपीआई(एम), तृणमूल कांग्रेस और नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीईपी) हैं। हालांकि बसपा की संपत्ति में कमी हुई है।

द एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट सामने आई है। 2020-21 में देश के आठ राष्‍ट्रीय पार्टियों की संपत्ति 7,297.62 करोड़ रुपये थी। 2021-22 के दौरान इनकी संपत्ति बढ़कर 8,829.16 करोड़ रुपये हो गई है।

ये पार्टियां भाजपा, कांग्रेस, नेशनल कांग्रेस पार्टी (एनसीपी), बहुजन समाज पार्टी (बसपा), कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (सीपीआई), कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया, माओवादी सीपीआई(एम), तृणमूल कांग्रेस और नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीईपी) हैं। हालांकि बसपा की संपत्ति में कमी हुई है।

एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक, एक साल में राष्ट्रीय पार्टियों का रिजर्व फंड 1572 करोड़ रुपये बढ़ गया। 2020-21 में इन पार्टियों का रिजर्व फंड 7194 करोड़ रुपये था, जो 2021-22 में बढ़कर 8766 करोड़ रुपये हो गया।

एडीआर की रिपोर्ट में बताया गया है कि 2020-21 के दौरान राष्ट्रीय पार्टियों पर 103.55 करोड़ रुपये का कर्ज था। इनमें से कांग्रेस के ऊपर 71 करोड़, भाजपा के ऊपर 16 करोड़, सीपीआई(एम) के ऊपर 16 करोड़, टीएमसी के ऊपर 3.8 करोड़ और एनसीपी के ऊपर 0.73 करोड़ रुपये का कर्ज था।

2021-22 के दौरान इन पांचों पार्टियों का कर्ज कम हो गया। इस दौरान कांग्रेस के ऊपर 41.9 करोड़, भाजपा के ऊपर 5 करोड़, सीपीआई(एम) के ऊपर 12 करोड़, टीएमसी के ऊपर 2.5 करोड़ और एनसीपी के ऊपर 0.72 करोड़ रुपये का कर्ज था।

एडीआर ने कहा कि सभी राष्‍ट्रीय पार्टियां इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया की गाइडलांइस का पालन करने में असफल रहीं। इन गाइडलाइन के मुताबिक, पार्टियों को यह बताना होता है कि उन्होंने किन बैंक, फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन या एजेंसी से लोन लिया है।


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