भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को 2016-2022 के बीच सबसे अधिक चंदा मिला है। केंद्र की सत्ताधारी पार्टी द्वारा घोषित चंदा अन्य सभी राष्ट्रीय दलों द्वारा घोषित चंदे से तीन गुना से भी अधिक है। यह खुलाया एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉम्र्स (एडीआर) की रिपोर्ट में हुआ है। एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार वित्त वर्ष 2016-17 और 2021-22 के बीच, बीजेपी ने सबसे अधिक 10122.031 करोड़ रुपए का चंदा घोषित किया था। उसके बाद कांग्रेस (1547.439 करोड़ रुपए) और तृणमूल कांग्रेस (823.301 करोड़ रुपए) का स्थान रहा। भाजपा द्वारा घोषित कुल चंदा अन्य सभी राष्ट्रीय पार्टियों द्वारा घोषित कुल चंदे से तीन गुना से भी अधिक है। भाजपा को मिले कुल चंदे का 52 फीसदी से अधिक (5271.9751 करोड़ रुपए) चुनावी बांड से आए, जबकि अन्य सभी राष्ट्रीय दलों ने बांड के जरिए 1783.9331 करोड़ रुपए हासिल किए। कारपोरेट घरानों से दान के मामले में, भाजपा ने सबसे अधिक 3299.85 करोड़ रुपए (कुल दान का 32.60 फीसदी) दान की घोषणा की।
जहां तक क्षेत्रीय दलों का सवाल है, एडीआर ने बताया कि यहां भी भाजपा सबसे आगे रही। भाजपा ने सबसे अधिक कुल दान (692.609 करोड़ रुपए) की घोषणा की है, उसके बाद तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) ने 476.893 करोड़ रुपए, द्रविड़ मुनेत्र कडग़म (डीएमके) ने 475.73 करोड़ रुपए और वाईएसआर-कांग्रेस ने 456.206 करोड़ रुपए की घोषणा की। एडीआर रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि बीजद के कुल दान का 89.81 फीसदी से अधिक 622 करोड़ रुपए चुनावी बांड से आया। डीएमके ने 431.50 करोड़ रुपए (कुल दान का 90.703 फीसदी) चुनावी बांड से हासिल किया। इसके बाद टीआरएस ने 383.6529 करोड़ रुपए (80.45 फीसदी) और वाईएसआर-सी ने 330.44 करोड़ रुपए (72.43 फीसदी) चुनावी बांड से घोषित किए। एडीआर ने अपनी रिपोर्ट में यह भी बताया कि राष्ट्रीय पार्टियों के लिए, 2017-2022 के बीच चुनावी बांड से दान में 743 फीसदी की भारी वृद्धि हुई, जबकि कारर्पोरेट दान में यह वृद्धि केवल 48 फीसदी थी।