Source: 
lalluram
https://lalluram.com/adr-report-42-percent-ministers-of-modi-government-tainted-82-percent-ministers-graduate/
Date: 
10.07.2021
City: 
New Delhi

मोदी कैबिनेट विस्तार के बाद अब मंत्रिमंडल सबसे युवा और शिक्षित है. लेकिन आपराधिक मुकदमों के दाग इस मंत्रिमंडल के दामन में भी कम नहीं हैं. 42 फीसदी मंत्री दागी छवि के हैं. यह दावा चुनाव सुधारों के लिए काम करने वाले समूह एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने की है. एडीआर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय मंत्रिमंडल के 78 मंत्रियों में से 42 प्रतिशत ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले होने की घोषणा की है. इनमें से चार पर हत्या के प्रयास से संबंधित मामले भी हैं. 15 नए कैबिनेट मंत्रियों और 28 राज्य मंत्रियों ने बुधवार को शपथ ली. इसके बाद मंत्री परिषद के कुल सदस्यों की संख्या 78 हो गई.

एडीआर ने चुनावी हलफनामों का हवाला देते हुए कहा कि इन सभी मंत्रियों के किए गए विश्लेषण में 42 प्रतिशत (33) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले होने का उल्लेख किया है. करीब 24 यानी 31 प्रतिशत मंत्रियों ने हत्या, हत्या के प्रयास, डकैती आदि समेत गंभीर आपराधिक मामलों की घोषणा की है.

गृह राज्य मंत्री बने कूच बिहार निर्वाचन क्षेत्र के निशिथ प्रमाणिक ने अपने खिलाफ हत्या से जुड़े एक मामले की घोषणा की है. वह 35 वर्ष के मंत्री परिषद के सबसे युवा चेहरे भी हैं. चार मंत्री जॉन बारला, प्रमाणिक, पंकज चौधरी और वी मुरलीधरन ने हत्या के प्रयास से जुड़े मामलों की घोषणा की है.

इन मंत्रियों के पास 50 करोड़ से ज्यादा संपत्ति

 इसके अलावा रिपोर्ट में जिन मंत्रियों का विश्लेषण किया गया उनमें से 70 (90 प्रतिशत) करोड़पति हैं. प्रति मंत्री औसत संपत्ति 16.24 करोड़ रुपये है. ज्योतिरादित्य सिंधिया, पीयूष गोयल, नारायण तातु राणे और राजीव चंद्रशेखर ने 50 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति का उल्लेख किया है.

आठ मंत्रियों ने अपनी संपत्ति एक करोड़ रुपये से कम घोषित की है. इनमें प्रतिमा भौमिक, जॉन बारला, कैलाश चौधरी, बिश्वेश्वर टूडु, वी. मुरालीधरन, रामेश्वर तेली, शांतनु ठाकुर एवं निशिथ प्रमाणिक शामिल हैं. इनमें प्रतिमा भौमिक के पास सबसे कम छह लाख की संपत्ति है.

82 फीसदी मंत्री स्नातक से ज्यादा शिक्षित

इस केंद्रीय कैबिनेट में केवल 12 मंत्रियों (15 फ़ीसदी) की शैक्षिक योग्यता कक्षा आठ से 12वीं के बीच है, जबकि 64 मंत्री यानि करीब 82 फीसदी स्नातक और उससे अधिक योग्यता रखते हैं. इनमें दो मंत्री डिप्लोमा धारक, तो 17 स्नातक हैं. अन्य 17 के पास प्रोफेशनल स्नातक डिग्री है तो 21 मंत्री परास्नातक और 9 डॉक्टर हैं.

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