Source: 
Amar Ujala
Author: 
Date: 
10.07.2021
City: 
New Delhi

मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले कैबिनेट विस्तार के बाद सामने आए 78 मंत्रियों की मंत्रिपरिषद अब तक की सबसे युवा और सबसे ज्यादा शिक्षित है। लेकिन आपराधिक मुकदमों के दाग इस मंत्रिमंडल के दामन में भी कम नहीं हैं।

नए मंत्रिमंडल के 42 फीसदी चेहरे आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं। यह दावा नेशनल इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने अपनी ताजा रिपोर्ट में किया है। हालांकि रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पहली बार देश के हर कोने को मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व मिला है।

सभी मंत्रियों के शपथपत्रों के विश्लेषण के बाद जारी रिपोर्ट के मुताबिक, मंत्रिपरिषद के 78 में से 33 मंत्रियों यानी कुल (42 फीसदी) ने अपने ऊपर आपराधिक मामले होने की बात स्वीकारी है। इनमें से 24 मंत्रियों यानी 31 फीसदी के ऊपर गंभीर किस्म के मामले दर्ज हैं।

इन मामलों में हत्या, हत्या का प्रयास, लूट जैसे संगीन अपराध दर्ज हैं। पश्चिम बंगाल की अलीपुरद्वार से सांसद व अल्पसंख्यक मामलों के राज्यमंत्री जॉन बरला पर 24 गंभीर किस्म की धाराओं वाले 9 मामले और 38 अन्य मामले हैं।

कूच बिहार के सांसद व गृह राज्यमंत्री निशित प्रमाणिक पर 11 मामले 21 गंभीर किस्म की धाराओं के हैं। वित्त राज्यमंत्री बनाए गए उत्तर प्रदेश के महाराजगंज के सांसद पंकज चौधरी पर हत्या के प्रयास के कुल 5 मामले दर्ज हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय कैबिनेट के पांच मंत्रियों पर सांप्रदायिकता फैलाने और धार्मिक भावनायें भड़काने का आरोप है। इनमें ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह, कृषि राज्यमंत्री शोभा करंदलाजे, गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय और कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी शामिल हैं। नितिन गडकरी समेत सात मंत्रियों पर चुनाव के दौरान अवैध ढंग से आर्थिक फायदा लेने का आरोप है।    
   
एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक 78 में से 70 मंत्री करोड़पति हैं, जो मोदी मंत्रिमंडल का 90 फीसदी हिस्सा है। इनमें 4 मंत्रियों की संपत्ति 50 करोड़ से अधिक है। सबसे ज्यादा 379 करोड़ रुपये की संपत्ति राजघराने से संबंध रखने वाले नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की है।

कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल की कुल संपत्ति 95 करोड़ से अधिक है।  एमएसएमई मंत्री नारायण राणे के नाम पर 87 करोड़ से ज्यादा, जबकि इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर के नाम 64 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति है।

सबसे ‘गरीब’ मंत्री हैं प्रतिमा भौमिक
आठ मंत्रियों की संपत्ति एक करोड़ से भी कम है, जिनमें सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री बनी प्रतिमा भौमिक के नाम महज 6 लाख रुपये की कुल संपत्ति है। उन्हें सबसे ‘गरीब’ मंत्री कहा जा सकता है। जॉन बरला के नाम 14 लाख, कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी के नाम 24 लाख की कुल संपत्ति है।
                                                                                              
82 फीसदी मंत्री स्नातक से ज्यादा शिक्षित
इस केंद्रीय कैबिनेट में केवल 12 मंत्रियों (15 फ़ीसदी) की शैक्षिक योग्यता कक्षा आठ से 12वीं के बीच है, जबकि 64 मंत्री यानि करीब 82 फीसदी स्नातक और उससे अधिक योग्यता रखते हैं। इनमें दो मंत्री डिप्लोमा धारक, तो 17 स्नातक हैं। अन्य 17 के पास प्रोफेशनल स्नातक डिग्री है तो 21 मंत्री परास्नातक और 9 डॉक्टर हैं।

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