वर्ष 2004 से 2019 के बीच हुए लोकसभा चुनावों में पुन: निर्वाचित 23 सांसदों में से 12 ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए...
वर्ष 2004 से 2019 के बीच हुए लोकसभा चुनावों में पुन: निर्वाचित 23 सांसदों में से 12 ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं।
चुनाव संबंधित आंकड़ों का विश्लेषण करने वाली संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने यह जानकारी साझा की। एडीआर और नेशनल इलेक्शन वॉच के विश्लेषण से पता चला है कि 12 में से नौ सांसदों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले हैं जिनमें हत्या, हत्या के प्रयास और डकैती से संबंधित आरोप शामिल हैं। इसमें कहा गया कि पुन:निर्वाचित 23 सांसदों में से 52 फीसदी ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं और 39 फीसदी सांसदों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इस रिपोर्ट में पार्टीवार आंकड़े भी पेश किए गए हैं।
किस पार्टी के कितने विधायक पर केस
भाजपा के 17 पुनः निर्वाचित सांसदों में से सात (41 प्रतिशत), कांग्रेस के तीन पुनः निर्वाचित सांसदों (100 प्रतिशत), ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के एक पुनः निर्वाचित सांसद (100 प्रतिशत) और शिवसेना के एक पुन: निर्वाचित सासंद (100 प्रतिशत) ने हलफनामे में अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, ऐसे पुनः निर्वाचित सांसद जिनकी संपत्ति में सर्वाधिक वृद्धि हुई उनमें जे. रमेश चंदप्पा, मेनका संजय गांधी और राव इंद्रजीत सिंह शामिल हैं।