एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और मध्य प्रदेश इलेक्शन वॉच ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 में एक बार फिर से चुनाव लड़ रहे 192 विधायकों के स्व-शपथ पत्रों का विश्लेषण किया है। दोबारा चुनाव लड़ रहे 192 विधायकों में से 180 विधायकों (94%) की संपत्ति का पता चला है। इनमे 1% से 1982% तक की वृद्धि हुई है। वहीं 12 विधायकों (6%) की संपत्ति -1% से -64% तक घट गई है।
2018 के चुनावों में औसत संपत्ति:
2018 में निर्दलीय सहित विभिन्न दलों द्वारा फिर से चुनाव लड़ रहे इन 192 विधायकों की औसत संपत्ति 11.91 करोड़ रुपये थी। जबकि 2023 में दोबारा चुनाव लड़ रहे इन 192 विधायकों की औसत संपत्ति 17.81 करोड़ रुपये है। यानी कि 2018 और 2023 के मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों के बीच, फिर से चुनाव लड़ रहे इन 192 विधायकों की औसत संपत्ति वृद्धि 5.90 करोड़ रुपये है।
एडीआर की माने तो रतलाम शहर निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा के चेतन्य कश्यप ने अपनी संपत्ति में सबसे अधिक 91.45 करोड़ रुपये की वृद्धि की घोषणा की है, यानी 2018 में 204.63 करोड़ रुपये से बढ़कर 2023 में 296.08 करोड़ हो गई है। वहीं तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के संजय शर्मा (संजू भैया) की संपत्ति 81.55 करोड़ रुपये बढ़ गई है, जो 2018 में 130.97 करोड़ रुपये से बढ़कर 2023 में 212.52 करोड़ रुपये हो गई है। जबकि इंदौर-1 निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस के संजय शुक्ला की संपत्ति 77.47 करोड़ रुपये बढ़ गई है, जो 2018 में 139.93 करोड़ रुपये से बढ़कर 2023 में 217.41 करोड़ रुपये हो गई है।