एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) द्वारा कराए गए एक राष्ट्रीय सर्वेक्षण के परिणाम केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के लिए चिंता का विषय बन सकते हैं. इस सर्वे के मुताबिक देश में मोदी सरकार के प्रदर्शन को ‘औसत से कम’ देखा जा रहा है. टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित खबर की मानें तो देश की 534 लोकसभा सीटों पर कराए गए इस सर्वे में मोदी सरकार को पांच में से तीन अंक भी नहीं मिले हैं.
अखबार ने बताया कि एडीआर ने यह सर्वे अक्टूबर 2018 से दिसंबर 2018 (यानी पुलवामा आतंकी हमले से पहले) के बीच कराया था. इसमें 31 प्राथमिकताओं के आधार पर 2.73 लाख मतदाताओं से सवाल किए गए थे. इनमें रोजगार और बुनियादी जरूरतों (स्वास्थ्य, पानी, सड़क, परिवहन आदि) से जुड़े सवाल शामिल थे. आतंकवाद और मजबूत सेना को इनसे बाहर रखा गया था. हालांकि लोगों से यह नहीं पूछा गया कि वे सरकार को जिताने के लिए वोट करेंगे या सत्ता से बाहर करने के लिए.
रिपोर्ट के मुताबिक सर्वे में यह बात साफ तौर पर सामने आई कि देश में रोजगार के बेहतर अवसर होना मतदाताओं की सबसे बड़ी प्राथमिकता है. शहरी इलाकों में बेहतर सड़कें और साफ हवा भी एक अहम मुद्दा है. वहीं, ग्रामीण इलाकों में रोजगार के साथ खेतों की सिंचाई के लिए पानी, कृषि ऋण, कृषि उत्पादों की ज्यादा कीमत जैसे मुद्दे खासी अहमियत रखते हैं. इन सभी में लोगों ने सरकार पांच में से ढाई अंक भी नहीं दिए हैं.
इसके अलावा जिन मुद्दों पर लोगों ने सरकार को सबसे खराब अंक दिए, उनमें सार्वजनिक जमीन का अतिक्रमण, रोजगार से जुड़े प्रशिक्षण और भ्रष्टाचार उन्मूलन के मुद्दे शामिल प्रमुख रूप से शामिल हैं.