नई दिल्ली. केरल में निर्वाचित हुए विधायकों में करीब 62 फीसदी का आपराधिक रिकार्ड है जबकि पश्चिम बंगाल में 32 प्रतिशत विधायकों पर हत्या और महिलाओं के प्रति अपराध जैसे गंभीर आरोप हैं. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी दी.
रिपोर्ट के तहत तमिलनाडु, केरल, असम, पश्चिम बंगाल और पांडिचेरी के 812 नवनिर्वाचित विधायकों के शपथपत्रों का विश्लेषण किया गया. पांच राज्यों के संयुक्त विश्लेषण में पाया गया कि 812 विधायकों में से 36 प्रतिशत (294) के खिलाफ आपराधिक मामले लंबित हैं जबकि करीब 22 प्रतिशत (176) के खिलाफ गंभीर आरोप हैं. एडीआर का कहना है कि यह राजनीति के ‘बढ़ते अपराधीकरण’ का संकेतक है.
एडीआर ने कहा, 'केरल में सबसे ज्यादा 62 प्रतिशत विधायकों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामलों की घोषणा की है जबकि पश्चिम बंगाल में सबसे अधिक 32 प्रतिशत विधायकों ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामलों की घोषणा की है.' एडीआर के संस्थापक-सदस्य जगदीप छोकर ने कहा कि केरल में सबसे खतरनाक बात जो है वह यह है कि 2011 के राज्य चुनाव की तुलना में आपराधिक आरोपों वाले विधायकों की संख्या में 14 प्रतिशत की बढोतरी हुई है जबकि गंभीर आरोपों वाले दस प्रतिशत और विधायक निर्वाचित हुए हैं.