Source: 
ABP News
https://www.abplive.com/news/india/gujarat-election-2022-21-percent-candidates-in-first-phase-of-gujarat-polls-tainted-adr-report-2266734
Author: 
PTI-Bhasha
Date: 
25.11.2022
City: 

Gujarat Election 2022: आम आदमी पार्टी कुल 89 में से 88 सीट पर चुनाव लड़ रही है और वह इस सूची में सबसे ऊपर है जिसके 36 प्रतिशत उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं.

ADR Report: गुजरात विधानसभा के लिए पहले चरण के तहत 89 सीट पर चुनाव हो रहे हैं और कुल 788 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिसमें से 167 प्रत्याशियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. इनमें से 100 उम्मीदवारों के खिलाफ हत्या और बलात्कार जैसे गंभीर आरोप हैं. यह जानकारी बृहस्पतिवार को एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की एक रिपोर्ट से मिली. इसके साथ ही 21 प्रतिशत प्रत्याशियों के खिलाफ आपराधिक मामले हैं जबकि 13 प्रतिशत उम्मीदवारों के खिलाफ गंभीर आरोप हैं.

आप के 36 प्रतिशत उम्मीदवारों के खिलाफ मामले
पहले चरण के तहत, आम आदमी पार्टी (आप) कुल 89 में से 88 सीट पर चुनाव लड़ रही है और वह इस सूची में सबसे ऊपर है जिसके 36 प्रतिशत उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. एडीआर ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि आप के 30 प्रतिशत उम्मीदवार हत्या, बलात्कार, अपहरण जैसे गंभीर आरोपों का सामना कर रहे हैं. आप के 32 उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले हैं.

दूसरे नंबर पर कांग्रेस
अरविंद केजरीवाल नीत पार्टी के बाद दूसरे नंबर पर कांग्रेस है जिसके 35 प्रतिशत उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. ऐसे 20 प्रतिशत उम्मीदवारों के खिलाफ गंभीर आरोप हैं. रिपोर्ट के अनुसार कांग्रेस पहले चरण में सभी 89 सीट पर चुनाव लड़ रही है और आपराधिक मामलों वाले उसके उम्मीदवारों की संख्या 31 है. सत्तारूढ़ बीजेपी भी पहले चरण के चुनाव में सभी सीट पर चुनाव लड़ रही है. एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार बीजेपी ने आपराधिक अतीत वाले 14 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है. प्रतिशत के लिहाज से यह संख्या 16 प्रतिशत है.

बीटीपी के 4 उम्मीदवारों दागी
वहीं, भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) पहले चरण में 14 सीट पर चुनाव लड़ रही है और उसके चार उम्मीदवारों (29 प्रतिशत) के खिलाफ आपराधिक मामले हैं. उसके सात प्रतिशत उम्मीदवारों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले हैं. रिपोर्ट के अनुसार 2017 के विधानसभा चुनावों में, पहले चरण के 15 प्रतिशत उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले थे, जबकि आठ प्रतिशत उम्मीदवारों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले थे.

पुरुषोत्तम सोलंकी, जिग्नेश, इटालिया के नाम शामिल
गंभीर आपराधिक मामलों वाले उम्मीदवारों में जनक तलविया (बीजेपी), वसंत पटेल (कांग्रेस), अमरदास देसानी (स्वतंत्र) शामिल हैं. आपराधिक रिकॉर्ड वाले अन्य उम्मीदवारों में बीजेपी के पुरुषोत्तम सोलंकी, कांग्रेस के गनीबेन ठाकोर और जिग्नेश मेवानी, आप के गोपाल इटालिया और अल्पेश कठेरिया शामिल हैं. साल 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस, बीजेपी और बीटीपी ने पहले चरण में क्रमश: 36, 25 और 67 प्रतिशत ऐसे उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था जिनके खिलाफ आपराधिक मामले थे.

सुप्रीम कोर्ट के 25 सितंबर, 2018 के आदेश के अनुपालन में निर्वाचन आयोग के निर्देशों के अनुसार, सभी राजनीतिक दलों के लिए लंबित आपराधिक मामलों और ऐसे उम्मीदवारों के चयन की वजहों की जानकारी अपनी वेबसाइट पर अपलोड करना अनिवार्य है. इसके साथ ही जानकारी को एक स्थानीय और एक राष्ट्रीय दैनिक में प्रकाशित करने और आधिकारिक सोशल मीडिया मंच पर अपलोड करने की भी आवश्यकता होती है.

एडीआर के प्रमुख अनिल वर्मा ने वीडियो लिंक के जरिए एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, "इन निर्देशों का ठीक से पालन नहीं किया जा रहा है... हमने गौर किया है कि स्थानीय समाचार पत्रों में गुजराती में जानकारी प्रकाशित की जाती है, लेकिन घोषणाएं अंग्रेजी में होती हैं. साथ ही, ऐसी जानकारी का 'फॉन्ट' आकार 12 होना चाहिए, लेकिन उन्हें बहुत छोटे फॉन्ट आकार में प्रकाशित किया गया है."

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