2022 के गुजरात विधानसभा चुनाव में 13 फीसदी विधायकों ने अपने निर्वाचन क्षेत्र में खर्च की सीमा के 50 फीसदी से कम खर्च किया, जबकि भाजपा के विधायकों ने खर्च की सीमा का औसतन 69.9 फीसदी खर्च किया। यह जानकारी एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और गुजरात इलेक्शन वॉच की एक रिपोर्ट ने दी है। एडीआर ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि विश्लेषण किए गए 182 विधायकों में से 23 (13 प्रतिशत) विधायकों ने अपने निर्वाचन क्षेत्र में खर्च की सीमा के 50 प्रतिशत से कम चुनाव खर्च की घोषणा की है।
इसमें कहा गया है कि गुजरात विधानसभा के 182 विधायकों के चुनावी खर्च की घोषणा के आधार पर विधायकों द्वारा चुनाव में खर्च की गई औसत राशि 27.10 लाख रुपये है, जो खर्च की सीमा का 68 फीसदी है।
पार्टी वार औसत चुनाव खर्च पर प्रकाश डालते हुए रिपोर्ट में कहा गया है, पार्टी-वार औसत चुनाव खर्च से पता चलता है कि भाजपा के 156 विधायकों का औसत खर्च 27.94 लाख रुपये है, जो खर्च की सीमा का 69.9 प्रतिशत है।
इसमें कहा गया है कि चुनाव जीतने वाले कांग्रेस के 17 विधायकों का औसत चुनावी खर्च 24.92 लाख रुपये है, जो खर्च की सीमा का 62.3 प्रतिशत है, जबकि आप के पांच विधायकों का औसत चुनावी खर्च 15.63 लाख रुपये है, जो कि व्यय सीमा का 39.1 प्रतिशत है।
इसने यह भी बताया कि सपा के एक विधायक का चुनावी खर्च 6.87 लाख रुपये है, जो कि खर्च सीमा का 17.2 प्रतिशत है और तीन निर्दलीय विधायकों ने 21.59 लाख रुपये खर्च किया है, जो कि खर्च की सीमा का 54 प्रतिशत है।
पिछले साल दिसंबर में हुए गुजरात विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 182 में से 156 सीटें जीती थीं, जबकि कांग्रेस 17 सीटों पर सिमट गई थी। आम आदमी पार्टी (आप) ने पांच सीटों पर जीत हासिल की। निर्दलीयों ने तीन सीटें जीतीं और समाजवादी पार्टी ने एक सीट जीती।