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New Delhi

भाजपा घोषित चंदा हासिल करने में सबसे अव्वल

देश की सात राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टियों ने साल 2015-16 में 20,000 रु से ऊपर की रकम के चंदे के रूप में कुल 102 करोड़ रुपये हासिल किए. यह रकम 1744 दानदाताओं द्वारा दी गई है. द टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक सबसे ज्यादा चंदा भाजपा को मिला है जिसका आंकड़ा 76 करोड़ रु है. इसके बाद कांग्रेस है जिसे 20 करोड़ रुपये मिले. बाकी अन्य पार्टियों को केवल छह करोड़ रुपये चंदे के तौर पर मिले. खबर के मुताबिक पार्टियों ने इसकी जानकारी चुनाव आयोग को सौंपी है.

अखबार ने पार्टियों की फंडिंग पर नजर रखने वाली संस्था एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) के हवाले से कहा है कि पिछले वर्षों में राजनीतिक पार्टियों के खाते में 63 फीसदी चंदा नकदी के रूप में जमा हुआ है. यह आंकड़ा इस बात की ओर संकेत करता है कि पार्टियों को अधिकांश चंदा अज्ञात स्रोतों से हासिल होता है. कानून के मुताबिक राजनीतिक पार्टियों को 20,000 रुपये से ज्यादा का चंदा चेक या बैंक ड्राफ्ट के रुप में ही दिया जा सकता है.

भारत ने पाकिस्तान में आयोजित होने वाले एक क्षेत्रीय सम्मेलन से खुद को अलग कर लिया है. जनसत्ता के मुताबिक केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधिकारियों ने शुरुआत में विकास के मुद्दे पर आयोजित हो रहे इस सम्मेलन में हिस्सा लेने की पुष्टि की थी. लेकिन बुधवार से शुरू हो रहे इस सम्मेलन से भारत ऐन मौके पर अलग हो गया. खबर के मुताबिक माना जा रहा है कि भारत का यह फैसला पाकिस्तान की मेजबानी वाले इस तरह के सम्मेलनों से दूर रहकर उसे अंतरराष्ट्रीय राजनीति में अलग-थलग करने की कोशिश है. भारत के अलावा बांग्लादेश और ईरान ने भी सम्मेलन से दूरी बनाने का फैसला किया है. इससे पहले नवंबर में भारत ने इस्लामाबाद में आयोजित होने वाले सार्क सम्मेलन का बहिष्कार किया था.