आठ राष्ट्रीय राजनीतिक दलों ने वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान कुल 3,289.34 करोड़ रुपए की आय प्राप्त होने की घोषणा की है और इसमें आधे से अधिक राशि भारतीय जनता पार्टी को मिली है।
इस दौरान 1,917.12 करोड़ रुपए की कुल आय प्राप्त होने की घोषणा की जो आठ दलों की आय का 58.28 फीसद है। चुनाव सुधार के लिए कार्यरत एक प्रमुख एनजीओ ने यह जानकारी दी।
गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) एसोसिएशन फोर डेमोक्रेटिक रिफार्म्स (एडीआर) ने विभिन्न दलों द्वारा चुनाव आयोग (ईसी) के साथ साझा किए गए दस्तावेजों का हवाला देते हुए बुधवार को कहा कि दूसरे स्थान पर तृणमूल कांग्रेस रही है, जिसने 545.745 करोड़ रुपए की आय की घोषणा की है। यह आठ राजनीतिक दलों की कुल आय का 16.59 फीसद है।
भाजपा ने 2021-22 के दौरान 1,917.12 करोड़ रुपए की कुल आय प्राप्त होने की घोषणा की जिसमें से उसने 854.467 करोड़ रुपए यानी 44.57 फीसद खर्च किया। कांग्रेस की कुल आय 541.275 करोड़ रुपए रही जिसमें से उसने 400.414 करोड़ रुपए यानी 73.98 फीसद खर्च किया। जिन आठ राजनीतिक दलों को राष्ट्रीय राजनीतिक दल का दर्जा चुनाव आयोग से मिला है उनमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी (बसपा), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), आल इंडिया तृणमूल कांग्रेस और नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीईपी) हैं।
एडीआर ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस ने 268.337 करोड़ रुपए यानी 49.17 फीसद खर्च किया। इन आठ राजनीतिक दलों में से चार (भाजपा, तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस और राकांपा) ने अपनी कुल आय का 55.09 फीसद या 1,811.9425 करोड़ रुपए चुनावी बांड के माध्यम से चंदे के रूप में हासिल किए। चुनावी बांड के माध्यम से भाजपा को 1,033.70 करोड़ रुपए, तृणमूल कांग्रेस को 528.143 करोड़ रुपए, कांग्रेस को 236.0995 करोड़ रुपए चंदे में मिले।
एडीआर के आवेदन पर एसबीआइ द्वारा साझा किए गए आंकड़े के अनुसार 2021-22 में राजनीतिक दलों ने 2,673.0525 करोड़ रुपए के चुनावी बांड को भुनाया जिनमें 67.79 फीसद राष्ट्रीय राजनीतिक दलों द्वारा भुनाया गया। एडीआर ने कहा कि इस योजना के तहत दानकर्ताओं को प्रदत्त गोपनीयता (नाम नहीं उजागर करने की व्यवस्था) के तहत यह देखा गया कि चुनावी बांड 2020-21 में भी राष्ट्रीय राजनीतिक दलों के लिए चंदे का सबसे लोकप्रिय साधन के रूप में उभरा।
भाजपा की आय डेढ़ सौ फीसद से अधिक बढ़ी
वित्त वर्ष 2020-21 और 2021-22 के बीच भाजपा की आय में 1,164.783 करोड़ रुपए या 154.82 फीसद की बढ़ोतरी हुई। वित्त वर्ष 2020-21 में भाजपा ने 752.337 करोड़ रुपए की आय घोषित की थी जो वित्त वर्ष 2021-22 में 1917.12 करोड़ रुपए पर पहुंच गई। इस दौरान कांग्रेस की आय में 89.41 फीसद या 255.51 करोड़ रुपए का इजाफा हुआ और यह 2020-21 के 285.765 करोड़ रुपए से बढ़कर वर्ष 2021-22 में 541.275 पर पहुंच गई। जिन राष्ट्रीय राजनीतिक दलों को चंदे या अंशदान से सबसे अधिक आय मिली उनमें भाजपा (1775.43 करोड़ रुपए), तृणमूल कांग्रेस (582.523 करोड़ रुपए), कांग्रेस (347.996 करोड़ रुपए), राकांपा (71.956 करोड़ रुपए) , माकपा (65.878 करोड़ रुपए) और एनपीईपी (43 लाख रुपए) हैं।