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Date: 
13.02.2018
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आंध्र प्रदेश के सीएमचंद्रबाबू नायडू + इस वक्त देश के सबसे अमीर मुख्यमंत्री हैं। नायडू के साथ अमीरी की इस लीग में दूसरे नंबर पर अरुणाचल प्रदेश के सीएम पेमा खांडू और तीसरे नंबर पर हैं पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह। नायडू के पास 177 करोड़ की चल-अचल संपत्ति है, वहीं खांडू के पास 129 करोड़ और अमरिंदर सिंह के पास 48 करोड़ रुपए की संपत्ति है।

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ये आंकड़े बिल्कुल गलत है. इन सभी के वास्तविक सम्पती की जांच होनी चाहिये औरगलत एफ़िडेविट देने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जानी चाहिये.
Haritosh Mishra

देश के 29 राज्यों के सीएम द्वारा चुनावी हलफनामें में दिए गए संपत्ति के ब्यौरे के आधार पर यह आंकड़े तैयार किए गए हैं। अमीर मुख्यमंत्रियों की संपत्ति देखकर अगर आप हैरान हैं तो देश के सबसे गरीब मुख्यमंत्रियों की संपत्ति जानकर भी आपको अचरज हो सकता है। त्रिपुरा की वामपंथी सरकार के मुखिया माणिक सरकार के पास 29 मुख्यमंत्रियों में सबसे कम संपत्ति है। 

पढ़ें: त्रिपुरा में वामपंथी मुख्यमंत्री माणिक सरकार की धार्मिक यात्रा से विवाद 

सबसे गरीब हैं माणिक सरकार 

माणिक सरकार के पास सिर्फ 26 लाख की कुल संपत्ति है। उनके पास न तो अपनी कोई कार है और न ही घर। सरकार के बाद पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी हैं। ममता के पास भी सिर्फ 30 लाख की ही संपत्ति है और इसमें कोई अचल संपत्ति नहीं है। संपत्ति के लिहाज से निचले क्रम में तीसरे पायदान पर जम्मू-कश्मीर की सीएम महबूबा मुफ्ती हैं। मुफ्ती के पास भी सिर्फ 55 करोड़ की चल-अचल संपत्ति है। 

किसके पास कितना पैसा, किस पर कितने केस


फडणवीस पर सबसे अधिक केस 

संपत्ति के बाद अगर देश के मुख्यमंत्रियों पर दर्ज आपराधिक केस की बात की जाए तो यहां भी काफी चौंकानेवाले आंकड़े हैं। महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस + के ऊपर अभी तक सबसे अधिक 22 केस दर्ज हैं। दूसरे नंबर पर केरल की सीपीएम सरकार के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन पर 11 आपराधिक मुकदमे चल रहे हैं। तीसरे स्थान पर हैं दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल। केजरीवाल पर 10 केस दर्ज हैं। 

ऐसा है देश के मुख्यमंत्रियों का हाल


सिक्किम के सीएम सबसे अधिक पढ़े-लिखे 

शिक्षा के लिहाज से सिक्किम के मुख्यमंत्री पी.के चामलिंग सबसे अधिक शिक्षित हैं। चामलिंग के पास डॉक्टरेट की उपाधि है। देश के 39 फीसदी मुख्यमंत्री ग्रैजुएट हैं और 32 फीसदी प्रफेशनल्स हैं। 16 फीसदी मुख्यमंत्री पोस्ट ग्रैजुएच हैं और सिर्फ 10 फीसदी मुख्यमंत्री ही ऐसे हैं जिन्होंने हाई स्कूल भी पास नहीं किया। 

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