BJP-Congress Donations: चुनाव जीतने के लिए प्रचार की जरूरत होती है और प्रचार बिना चंदे के करना मुश्किल होता है. इस वजह से सभी राजनीतिक दलों को चंदा हासिल करना होता है.
BJP Donations: लोकसभा चुनाव की तैयारियों के लिए सभी पार्टियों को चंदे की जरूरत होती है. बीजेपी हो या कांग्रेस या फिर कोई क्षेत्रीय दल, सभी लोगों से मिलने वाले चंदे के जरिए पार्टी को चलाते हैं. वहीं, 2022-23 में मिले चंदे को लेकर एक रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें बताया गया है कि बीजेपी को इस दौरान 250 करोड़ रुपये से ज्यादा का चंदा मिला है. इस रिपोर्ट को एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने जारी किया है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, एडीआर की रिपोर्ट में बताया गया है कि 2022-23 में सभी राजनीतिक दलों को चुनावी ट्रस्ट के जरिए मिलने वाले चंदे का 70 फीसदी अकेले बीजेपी को मिला है. चुनाव सुधारों के लिए काम करने वाले एनजीओ एडीआर ने बताया कि भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) को करीब 25 फीसदी चंदा मिला. यहां हैरानी वाली बात ये है कि 2022-23 में बीजेपी के बाद चंदा हासिल करने में कांग्रेस के बजाय एक क्षेत्रीय दल दूसरे नंबर पर है.
चुनावी ट्रस्ट को कितना पैसा मिला?
एडीआर ने 2022-23 के लिए चुनावी ट्रस्टों के राजनीतिक दलों को योगदान का विश्लेषण करके रिपोर्ट तैयार की है. इसमें बताया गया है कि 39 कॉर्पोरेट और व्यावसायिक घराने ऐसे हैं, जिन्होंने चुनावी ट्रस्टों को 363 करोड़ रुपये से ज्यादा का योगदान दिया है. रिपोर्ट में बताया गया है कि 34 कॉर्पोरेट और व्यावसायिक घरानों ने प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट को 360 करोड़ रुपये से ज्यादा का योगदान दिया है.
एक कंपनी ने समाज इलेक्टोरल ट्रस्ट को 2 करोड़ रुपये दिए हैं. दो कंपनियों ने पारिबार्टन इलेक्टोरल ट्रस्ट को 75.50 लाख का योगदान दिया है. दो कंपनियों ने ट्रायम्फ इलेक्टोरल ट्रस्ट को 50 लाख रुपये दिए हैं.
किस पार्टी को कितना चंदा मिला?
शेयर किए गए डाटा के मुताबिक, बीजेपी को चुनावी ट्रस्टों से सभी राजनीतिक दलों को मिले कुल चंदे का 259.08 करोड़ रुपये या कहें 70.69 फीसदी मिला है. दूसरे नंबर पर बीआरएस है, जिसे कुल चंदे का 90 करोड़ रुपये या कहें 24.56 फीसदी हासिल हुआ है. एडीआर के मुताबिक, तीन अन्य राजनीतिक पार्टियों में वाईएसआर कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस शामिल हैं, जिन्हें कुल मिलाकर 17.40 करोड़ रुपये हासिल हुए हैं.