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Date: 
24.05.2016
City: 
New Delhi

राजनीतिक दल अक्सर अपनी आय और खर्च को लेकर चुप्पी साधे रहते हैं. बहुत कम ही होता है जब वो इस मसले को लेकर एक-दूसरे पर सवाल भी उठाते हो, लेकिन एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (ADR) ने इन दलों की चंदे से जुटाए धन और खर्च को लेकर पड़ताल की है. एडीआर ने 2004 से 2015 के बीच हुए विभिन्न राज्यों में कुल 71 विधानसभा और तीन लोकसभा चुनावों में जुटाई रकम और खर्च की गई राशि के आंकड़े जुटाए हैं.

'द टाइम्स ऑफ इंडिया' की खबर के मुताबिक इन 11 सालों में विभिन्न राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में पार्टियों द्वारा ली गई कुल राशि का 63 फीसदी हिस्सा नकदी था, जो कि 2100 करोड़ है. जबकि इस दौरान हुए तीन लोकसभा में नकदी 44 प्रतिशत रही, जो कि 1000 करोड़ है.

चेक से मिली 55 फीसदी रकम 
एडीआर के आंकड़े बताते हैं कि इस 2004-15 के बीच 71 राज्य विधानसभा चुनाव में राजनीतिक दलों ने नकदी के माध्यम से 2107.80 करोड़ रुपये जमा किए. साल 2004, 2009 और 2014 में हुए लोकसभा चुनावों में चेक से सर्वाधिक राशि आई जो 55 प्रतिशत या करीब 1300 करोड़ रुपये थी, वहीं इस दौरान 1039.06 करोड़ रुपये की नकदी आई.

समाजवादी सबसे आगे 
आंकड़ों के अनुसार समाजवादी पार्टी इन चुनावों में राशि एकत्र करने और उसे खर्च करने के मामले में सबसे आगे है. पार्टी ने 186.8 करोड़ रुपये जुटाया और 96.54 करोड़ रुपये खर्च किए. वहीं इस मामले में दूसरे नंबर पर आम आदमी पार्टी है. आप ने 38.54 करोड़ रुपये जमा किए, जबकि 22.66 करोड़ रुपये खर्च किए. जबकि पार्टी ने इस दौरान सिर्फ एक लोकसभा चुनाव और दो विधानसभा चुनाव लड़ा.

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