Source: 
ETV Bharat
Author: 
Date: 
24.02.2022
City: 
Lucknow

उत्तर प्रदेश इलेक्शन वॉच एसोसिएशन फ़ॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के छठें चरण में चुनाव लड़ने वाले 676 में से 670 उम्मीदवारों के शपथपत्रों का विश्लेषण करते हुए रिपोर्ट जारी की है. वहीं, 6 उम्मीदवारों का शपथपत्र स्पष्ट न होने के कारण उनका विश्लेषण नहीं किया जा सका.

एडीआर यूपी इलेक्शन वॉच के राज्य संयोजक संतोष श्रीवास्तव ने आज रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि उम्मीदवारों द्वारा घोषित आपराधिक मामले 670 में से 182 (27%) उम्मीदवारों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किये हैं. वहीं, गंभीर आपराधिक मामले 151 (23%) हैं. उम्मीदवारों द्वारा घोषित आपराधिक मामले में दलवार बात करें तो इनमें समाजवादी पार्टी के 48 में से 40 (83%), बीजेपी के 52 में से 23 (44%), काग्रेस के 56 में से 22 (39%) बसपा के 57 में से 22 (39 %) और 51 में से 7 (14 % ) आप पार्टी के उम्मीदवारों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषत हैं.

वहीं, गंभीर आपराधिक मामले दलवार समाजवादी पार्टी के 48 में से 29 (60%), बीजेपी के 52 में से 20 (39 %), काग्रेस के 56 में से 20 (36 % ), बसपा के 57 में से 18 (32 %) और 51 में से 5 (10 %) आप पार्टी के उम्मीदवारों ने अपने ऊपर गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए है.

छठें चरण में उम्मीदवारों द्वारा घोषित आपराधिक मामलों में पहले स्थान पर बहुजन समाज पार्टी से सुधीर सिंह हैं जो गोरखपुर के सहजनवा विधानसभा सीट से उम्मीदवार हैं. उनके ऊपर 26 मामले दर्ज हैं (गंभीर धाराएं-27). दूसरे स्थान पर कुशीनगर जनपद के खड्डा विधानसभा सीट से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अशोक चौहान हैं जिनके ऊपर 19 मामले (गंभीर धराएं- 23) और तीसरे स्थान पर आज़ाद समाज पार्टी के गोरखपुर विधानसभा क्षेत्र से चंद्र शेखर हैं जिनके ऊपर 16 मामले दर्ज (गंभीर धाराएं 22) हैं.

इसके अलावा 8 उम्मीदवारों पर महिलाओं पर अत्याचार से संबंधित मामले हैं. इन 8 में से 2 उम्मीदवार ने अपने पर बलात्कार (आईपीसी-376) से संबंधित मामला घोषित किया है. 8 उम्मीदवारों ने अपने ऊपर हत्या (आईपीसी-302) से संबंधित मामले घोषित किए हैं. वहीं 23 उम्मीदवारों ने अपने ऊपर हत्या का प्रयास (आईपीसी-307) से संबंधित मामले घोषित किए हैं.

एडीआर यूपी इलेक्शन वॉच के राज्य संयोजक संतोष श्रीवास्तव ने कहा कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के छठें चरण में 57 में से 37 (65%) संवेदनशील निर्वाचन क्षेत्र है जहां 3 या उससे अधिक उम्मीदवारों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किए हैं. उन्होंने कहा कि हम करोड़पति उम्मीदवारों कि बात करें तो 670 में से 253 (38%) छठें चरण में करोड़पति उम्मीदवार हैं.

करोड़पति उम्मीदवार दलवार की बात करें तो समाजवादी पार्टी के 48 में से 45 (94 % ), बीजेपी के 52 में से 42 (81 %), बसपा के 57 में से 44 (77 %), कांग्रेस के 56 में से 26 (46 %), और 51 में से 14 (28 %) आप पार्टी के उम्मीदवार करोड़पति हैं जिनकी घोषित संपत्ति रू एक करोड़ से ज्यादा है. सबसे ज्यादा संपत्ति घोषित करने वाले शीर्ष 3 उम्मीदवारों में से पहले स्थान में समाजवादी पार्टी के जनपद गोरखपुर से चिल्लूपार विधानसभा से उम्मीदवार विनय शंकर तिवारी हैं जिन्होंने अपनी संपत्ति 67 करोड़ बतायी है.

दूसरे स्थान पर जनपद अम्बेडकर नगर के जलालपुर विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के राकेश पांडेय हैं जिनकी संपत्ति 63 करोड़ है. वहीं तीसरे स्थान पर बसपार्टी के जनपद बलिया के रसड़ा विधानसभा सीट से उमा शंकर सिंह हैं जिन्होंने अपनी संपत्ति 54 करोड़ बतायी है. उत्तर प्रदेश चुनाव 2022 के छठें चरण में उम्मीदवारों की औसतन संपत्ति रू 2.10 करोड़ है. 256 (38 %) उम्मीदवारों ने अपनी देनदारी घोषित की है जबकि 44 (7%) उम्मीदवारों ने अपना पैन विवरण घोषित नहीं किया है.

उत्तर प्रदेश इलेक्शन वाच एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के छठें चरण में 234 (35 %) उम्मीदवारों ने अपनी शैक्षिक योग्यता 5वीं और 12वीं के बीच घोषित की है जबकि 382 (57%) उम्मीदवारों ने अपनी शैक्षिक योग्यता स्नातक और इससे ज्यादा घोषित की है. 6 उम्मीदवारों ने अपनी शैक्षिक योग्यता डिप्लोमा धारक घोषित की हैं. वहीं, 44 उम्मीदवारों ने अपनी शैक्षिक योग्यता साक्षर और 3 उम्मीदवारों ने अपनी शैक्षिक योग्यता असाक्षर घोषित की है. एक उम्मीदवारों ने अपनी शैक्षिक योग्यता घोषित नहीं की है.

226 (34%) उम्मीदवारों ने अपनी आयु 25 से 40 वर्ष के बीच घोषित की हैं जबकि 346 (52%) उम्मीदवारों ने अपनी आयु 41 से 60 वर्ष के बीच घोषित की हैं. 98 (15 %) उम्मीदवारों ने अपनी आयु 61 से 80 वर्ष के बीच घोषित की हैं. इसके अलावा उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के छठें चरण में 65 (10%) महिला उम्मीदवार चुनाव लड़ रही हैं.

उत्तर प्रदेश इलेक्शन बाद के प्रमुख संयोजक संजय सिंह ने कहा कि धनबलियों और बाहूबालियों का होना चुनावी राजनीति का एक अहम हिस्सा होता जा रहा है. उत्तर प्रदेश इलेक्शन वॉच एडीआर द्वारा अब तक पांच चरणों की रिपोर्ट जारी की जा चुकी है. आज उत्तर प्रदेश विधानसभा के लिए हो रहे निर्वाचन के छठें चरण की रिपोर्ट जारी की जा रही है. इस रिपोर्ट के आधार पर निकल कर आया कि चुनावी प्रत्याशियों में बाहुबली और धनबलियों का प्रतिशत लगातार बढ़ता जा रहा है जो चिंता का विषय है.

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