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Source
TV9 भारतवर्ष
https://www.tv9hindi.com/state/chhattisgarh-new-mla-criminal-cases-adr-report-bjp-congress-2270021.html
Author
TV9 Bharatvarsh
Date

तीनों राज्यों में से छत्तीसगढ़ की जीत काफी अहम है क्योंकि किसी भी एग्जिट पोल में ऐसे परिणाम की भविष्यवाणी नहीं की गई थी. छत्तीसगढ़ में हुए विधानसभा चुनावों में नवनिर्वाचित 90 विधायकों में से 17 ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं, जिनमें से छह पर जानबूझकर चोट पहुंचाने और आपराधिक धमकी देने जैसे गंभीर आरोप हैं.

चार राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने तीन बड़े राज्यों एमपी, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बड़ी जीत हासिल की. इन तीनों राज्यों में से छत्तीसगढ़ की जीत काफी अहम है क्योंकि किसी भी एग्जिट पोल में ऐसे परिणाम की भविष्यवाणी नहीं की गई थी. छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 54 सीटें जीतकर परचम लहराया. कांग्रेस, जिसने 2018 में राज्य में 68 सीटें जीती थीं, 35 सीटों पर सिमट गई, जबकि गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (जीजीपी) एक निर्वाचन क्षेत्र में जीतने में कामयाब रही.

चुनाव जीतने के बाद जहां एक तरफ सीएम फेस को लेकर पार्टी में मंथन चल रहा है, तो वहीं दूसरी ओर चुनावों में नवनिर्वाचित 90 विधायकों में से 17 ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं, जिनमें से छह पर जानबूझकर चोट पहुंचाने और आपराधिक धमकी देने जैसे गंभीर आरोप हैं.

एडीआर की रिपोर्ट में चौकाने वाला खुलासा

छत्तीसगढ़ इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स यानी एडीआर की एक रिपोर्ट के अनुसार लगभग 90 नवनिर्वाचित विधायकों में से 17 यानी लगभग 19 प्रतिशत ने अपने चुनावी हलफनामे में अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं. इसमें कहा गया है कि उनमें से छह यानी की 7 प्रतिशत विधायकों ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं. बीजेपी के 54 विधायकों में से 12 यानी 22 फीसदी और कांग्रेस के 35 विधायकों में से पांच यानी 14 फीसदी ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं.

कौन-कौन से विधायकों के नाम शामिल

पूर्व मंत्री राजेश मूणत (रायपुर शहर पश्चिम) और दयालदास बघेल (नवागढ़), शकुंतला सिंह पोर्ते (प्रतापपुर), उधेश्वरी पैकरा (सामरी), ओपी चौधरी (रायगढ़) विजय शर्मा (कवर्धा सीट), विनायक गोयल (चित्रकोट-एसटी) और आशाराम नेताम (कांकेर-एसटी) भाजपा के नवनिर्वाचित विधायकों में से हैं, जिन पर रिपोर्ट के अनुसार आपराधिक मामले चल रहे हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि 2018 में, 90 निर्वाचित विधायकों में से 24 ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए थे, जिनमें से 13 गंभीर आरोपों का सामना कर रहे थे.


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