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Date: 
04.11.2018
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छत्तीसगढ़ विधानसभा के पहले चरण की 18 सीटों पर खड़े होने वाले 190 उम्मीदवारों में से 15 उम्मीदवारों पर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं, वहीं 8 उम्मीदवार ऐसे हैं, जिन पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। जबकि इनमें से 42 उम्मीदवार ऐसे हैं, जो करोड़पति हैं। वहीं 42 उम्मीदवारों ने अपने पैन नंबर की जानकारी ही साझा नहीं की।   छत्तीसगढ़ इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स यानी एडीआर की तरफ से जारी रिपोर्ट के मुताबिक पहले चरण की 18 विधानसभा सीटों पर 190 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। यहां 12 नवंबर को मतदान होना है। सबसे ज्यादा 93 उम्मीदवार मुख्यमंत्री रमन सिंह के निर्वाचन क्षेत्र राजनंदगांव से किस्मत आजमा रहे हैं।

एडीआर के मुताबिक, सभी उम्मीदवारों के शपथपत्र का विश्लेषण करने पर पता चला कि 187 उम्मीदवारों में से 15 (8 प्रतिशत) ने अपने ऊपर आपराधिक मुकदमे घोषित किए हैं। जबकि हत्या, रिश्वतखोरी जैसे संगीन अपराधों में शामिल रहने वाले उम्मीदवारों की संख्या 8 है। इनमें सबसे ज्यादा आपराधिक छवि वाले उम्मीदवार जगदलपुर विधानसभा से हैं। एडीआर की रिपोर्ट बताती है कि आपराधिक मुकदमे घोषित करने वाले ज्यादातर 11 उम्मीदवार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। जबकि इसके बाद नंबर जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ और निर्दलियों का है।

सीएम समेत 42 उम्मीदवार करोड़पति

रिपोर्ट के मुताबिक 5 करोड़ से ज्यादा संपत्ति दिखाने वाले उम्मीदवारों की संख्या छह है, जिसमें राज्य के मुख्यमंत्री रमन सिंह का नाम भी, जिन्होंने अपनी कुल संपत्ति 10 करोड़ से ज्यादा घोषित की है। इसके अलावा सबसे ज्यादा संपत्ति 119 करोड़ घोषित करने वाले जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ से उम्मीदवार देवव्रत सिंह और कांग्रेस के मोहन लाल मारकम हैं, जिन्होंने 11 करोड़ की संपत्ति घोषित की है।

एक करोड़ से ज्यादा संपत्ति घोषित करने वाले उम्मीदवारों में कांग्रेस के 13, भाजपा के 13, जनता छत्तीसगढ़ कांग्रेस के चार और 8 निर्दलीय हैं। आंकड़ों के मुताबिक पहले चरण में उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 1.42 करोड़ है।

वहीं पहले चरण में तीन उम्मीदवार ऐसे भी हैं, जिन्होंने अपनी संपत्ति क्रमशः मात्र 1 हजार, 2 हजार और पांच हजार घोषित की है। इसके अलावा जनता छत्तीगढ़ कांग्रेस के टंकेश्वर भारद्वाज की कुल संपत्ति 1 करोड़ 21 लाख है, लेकिन उनके ऊपर 41 करोड़ से ज्यादा की देनदारी है। वहीं 190 उम्मीदवारों में से 42 ऐसे यानी 22 फीसदी ऐसे उम्मीदवार हैं, जिन्होंने अपने पैन नंबर की जानकारी ही प्रपत्र में घोषित नहीं की।

सूबे के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने अपने शपथ प्रपत्र में अपनी आय का स्रोत सेलरी, कृषि, किराया, ब्याज, जिससे उन्हें 2017-18 के दौरान 34 लाख रुपए की आय हुई। वहीं स्वयं, पत्नी और  आश्रितों की आमदनी पर उन्होंने 59 लाख रुपए का आयकर चुकाया।

सूची में 5 उम्मीदवारों ने अपनी आय का स्रोत घोषित नहीं किया है। वहीं 5 उम्मीदवार ऐसे हैं, जिनकी कुल संपत्ति एक करोड़ से ऊपर है, लेकिन उन्होंने आयकर रिटर्न दाखिल नहीं की। शैक्षिक योग्यता की बात करें, तो 119 उम्मीदवारों ने 5वीं से 12वीं तक ही पढ़ाई की है। जबकि 60 उम्मीदवारों ने अपनी शिक्षा स्नातक या उससे ऊपर घोषित की है।

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