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रायपुरः छत्तीसगढ़ विधानसभा के लिए निर्वाचित 90 में 68 विधायक करोड़पति है. इस हिसाब से देंखे तो राज्य विधानसभा अब तक का सबसे अमीर सदन बनने जा रहा है. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने सभी 90 नवनिर्वाचित विधायकों के शपथ-पत्रों का विश्लेषण किया है, जिसे शुक्रवार को जारी किया गया. एडीआर ने कहा है कि प्रदेश के 90 में से 68 विधायक करोड़पति हैं, जो वर्ष 2013 के चुनाव से दो प्रतिशत ज्यादा हैं.

एडीआर ने सभी विधायकों के आपराधिक पृष्ठभूमि का भी विश्लेषण किया है. रपट के अनुसार 90 विधायकों में से 24 यानी 27 प्रतिशत विधायकों ने खुद के खिलाफ आपराधिक मामलों की घोषणा की है. 2013 में 90 विधायकों में से 15 (17 प्रतिशत) विधायकों ने खुद के खिलाफ आपराधिक मामलों की घोषणा की थी. 13 (14 प्रतिशत) विधायकों ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामलों की घोषणा की है. 2013 में 90 विधायकों में से आठ (नौ प्रतिशत) ने खुद के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए थे.

रपट के मुताबिक, आपराधिक मामलों के साथ पार्टीवार विधायकों में कांग्रेस के 68 विधायकों में से 19 (28 प्रतिशत), भाजपा के 15 विधायकों में से तीन (20 प्रतिशत) और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के पांच विधायकों में से दो (40 प्रतिशत) ने अपने हलफनामों में खुद के खिलाफ आपराधिक मामलों की घोषणा की है.

कांग्रेस विधायक सबसे अमीर
रपट के अनुसार, 90 नवनिर्वाचित विधायकों में से 68 (76 प्रतिशत) करोड़पति हैं. जबकि 2013 में 90 विधायकों में से 67 (74 प्रतिशत) विधायक करोड़पति थे. इनमें कांग्रेस के 68 में से 48 (71 प्रतिशत), भाजपा के 15 में से 14 (93 प्रतिशत), जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के पांच में से पांच (100 प्रतिशत) और बसपा के दो में से एक विधायक ने एक करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति घोषित की है.

छत्तीसगढ़ में 2018 विधानसभा चुनाव में प्रति विधायक औसत संपत्ति 11.63 करोड़ रुपये है. जो वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में 8.88 करोड़ रुपये थी. कांग्रेस के 68 विधायकों की प्रति विधायक औसत संपत्ति 11.83 करोड़ रुपये, भाजपा के 15 विधायकों की औसत संपत्ति 6.32 करोड़ रुपये, जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के पांच विधायकों की औसत संपत्ति 28.68 करोड़ रुपये और बहुजन समाज पार्टी के दो विधायकों की औसत संपत्ति 2.04 करोड़ रुपये है.

रपट के अनुसार, सबसे ज्यादा सम्पत्ति सरगुजा जिले के अम्बिकापुर विधानसभा सीट से निर्वाचित कांग्रेस के टी.एस. सिंह देव के पास है, जो 500 करोड़ रुपये से अधिक है. वहीं राजनांदगांव के खैरागढ़ विधानसभा सीट से जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के देवव्रत सिंह के पास 119 करोड़ रुपये से अधिक और उसके बाद गरियाबंद जिले के राजिम विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के अमितेश शुक्ला के पास 74 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति है.

प्रदेश के तीन विधायकों ने अपने आयकर रिटर्न में अपनी सबसे ज्यादा आमदनी की घोषणा की है. राजिम से विधायक अमितेश शुक्ल ने कृषि, कारोबार, किराया और पेंशन से 73 लाख 41 हजार 202 रुपये, कुरुद से विधायक अजय चन्द्राकर ने सरकारी वेतन और कृषि से 72 लाख 75 हजार 495 रुपये और राजनांदगांव के विधायक डॉ. रमन सिंह ने वेतन, कृषि, किराया, एचयूएफ कृषि, ब्याज से 59 लाख 83 हजार 853 रुपये की आमदनी घोषित की है.

रपट के अनुसार, 11 विधायक ऐसे हैं, जिन्होंने आयकर रिटर्न दाखिल नहीं किया है. इनमें से कुछ विधायक आयकर दाखिल कर सकते हैं. एडीआर के अनुसार, 27 विधायकों ने अपनी शैक्षिक योग्यता 5वीं पास और 12वीं पास के बीच घोषित की है, जबकि 32 विधायकों ने स्नातक या उससे ऊपर की शैक्षिक योग्यता घोषित की है. एक विधायक ने खुद को सिर्फ साक्षर घोषित किया है.

16 विधायकों ने अपनी उम्र 25 से 40 वर्ष के बीच घोषित कर दी है, जबकि 54 विधायकों ने अपनी उम्र 41 से 60 वर्ष के बीच घोषित की है. 20 विधायकों ने अपनी उम्र 61 से 80 साल के बीच घोषित की है. 90 में से 13 विधायक महिलाएं हैं. जबकि 2013 में 90 में से 10 विधायक महिलाएं थीं. 2018 विधानसभा चुनाव में 30 विधायक पुन: निर्वाचित हुए हैं.


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