Source: 
Author: 
Deepak Verma
Date: 
16.10.2020
City: 

राजनीतिक चंदा पाने में भारतीय जनता पार्टी (BJP) से आगे कोई दूसरी पार्टी नहीं है। साल 2018-19 में बीजेपी को 698 करोड़ रुपये का चंदा मिला जबकि कांग्रेस को केवल 122.5 करोड़ रुपये मिल सके। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्‍स (ADR) ने अपनी ताजा रिपोर्ट में यह जानकारी दी है। 2018-19 के दौरान राजनीतिक दलों को चंदा देने में टाटा गुप का प्रोग्रेसिव इलेक्‍टोरल ट्रस्‍ट सबसे आगे रहा। कॉर्पोरेट्स से राजनीतिक दलों को मिलने वाला चंदा बढ़ता ही जा रहा है। 2004-12 के बीच कॉर्पोरेट्स से पार्टियों को जितना चंदा मिला, साल 2018-19 में उसमें 131% की बढ़त देखने को मिली है। आइए जानते हैं राजनीतिक चंदे से जुड़े कुछ दिलचस्‍प आंकड़े।

टाटा के प्रोग्रेसिव ट्रस्‍ट ने 2018-19 के दौरान कुल 455.15 करोड़ रुपये का चंदा पॉलिटिकल पार्टीज को दिया। कॉर्पोरेट डोनर्स की लिस्‍ट में वह टॉप पर है।

2012-13 से 2018-19 के बीच बीजेपी को कॉर्पोरेट्स से सबसे ज्‍यादा चंदा मिला। इस दौरान कुल कॉर्पोरेट डोनेशन का 82% से ज्‍यादा पार्टी को मिला। ऊपर के चार्ट में आप देख सकते हैं कि बीजेपी को मिले चंदे में सिर्फ 44 करोड़ ही अन्‍य स्‍त्रोतों से आए हैं। 2018-19 में बाकी राष्‍ट्रीय पार्टियों (कांग्रेस, एनसीपी, तृणूमल कांग्रेस और सीपीएम) को जितना चंदा मिला, उसे जोड़ लें। अब इस रकम के 7 गुने से भी ज्‍यादा चंदा अकेले बीजेपी को मिला है।

पॉलिटिकल पार्टीज को 20,000 रुपये से ज्‍यादा के चंदे की जानकारी चुनाव आयोग को देनी होती है। इसमें दानकर्ता का नाम, पता, PAN, पेमेंट टाइम और रकम का ब्‍योरा देना पड़ता है। ADR का कहना है कि 274 कॉर्पोरेट डोनर्स से राजनीतिक पार्टियों ने 13.364 करोड़ रुपये बिना PAN और पता हासिल किए ही ले लिए।

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