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Source
दिव्य हिमाचल
https://www.divyahimachal.com/2023/04/%E0%A4%A6%E0%A5%87%E0%A4%B6-%E0%A4%95%E0%A5%87-%E0%A4%B8%E0%A4%AC%E0%A4%B8%E0%A5%87-%E0%A4%A7%E0%A4%A8%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%A8-%E0%A4%AE%E0%A5%81%E0%A4%96%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%AE%E0%A4%82/
Author
divyahimachal
Date
City
Shimla/New Delhi

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफाम्र्स की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, वर्तमान में 30 मुख्यमंत्रियों में से 29 मुख्यमंत्री करोड़पति हैं। इस लिस्ट में सबसे टॉप पर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी का नाम है। दूसरे नंबर पर अरुणाचल प्रदेश के सीएम पेमा खांडू हैं, जबकि रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे कम संपत्ति पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के पास है। एडीआर के अनुसार हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की कुल संपत्ति 7.81 करोड़ रुपए है और वह देश के सबसे अमीर मुख्यमंत्रियों की लिस्ट में 17वें नंबर पर हैं। इसके साथ ही उन पर 22 लाख रुपए से ज्यादा की देनदारी चल रही है। रिपोर्ट के अनुसार सीएम सुक्खू पर कुल चार मामले दर्ज हैं, जिनमें से सिर्फ एक गंभीर अपराध का है। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 30 वर्तमान मुख्यमंत्रियों द्वारा दाखिल किए गए शपथ पत्र के विश्लेषण के बाद एडीआर और इलेक्शन वॉच इस निष्कर्ष पर पहुंचा। एडीआर ने 30 मुख्यमंत्रियों के शपथ पत्र का विश्लेषण करने के बाद पाया कि 29 यानी 97 प्रतिशत मुख्यमंत्री करोड़पति हैं।

इन मुख्यमंत्रियों में हर एक के पास औसतन 33.96 करोड़ की संपत्ति है। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी सबसे अधिक दौलतमंद हैं। उनके पास 510.38 करोड़ रुपए की संपत्ति है। दूसरे नंबर पर अरुणाचल प्रदेश के सीएम पेमा खांडू हैं, जिनके पास 163.50 करोड़ की संपत्ति है। इसके बाद ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक के बाद 63.87 करोड़ हैं। बिहार के सीएम नीतीश कुमार और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के पास तीन-तीन करोड़ रुपए की संपत्ति है। इसके बाद केरल के सीएम पिनाराई विजयन और हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर के पास एक-एक करोड़ की संपत्ति है। सबसे कम संपत्ति पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के पास है। ममता बनर्जी के पास सिर्फ 15 लाख की संपत्ति है।

30 सीएम में से 13 पर गंभीर आपराधिक केस

देश के 30 मुख्यमंत्रियों में से 13 यानी 43 प्रतिशत के खिलाफ गंभीर धाराओं में आपराधिक केस दर्ज हैं। इसमें हत्या, हत्या का प्रयास और अपहरण जैसे मामले भी शामिल हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि गंभीर आपराधिक मामले पांच साल से अधिक जेल के साथ गैर-जमानती अपराध के हैं।