बिहार में आरजेडी नेता तेजस्वी यादव पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते बिहार में महाठबंधन से नाता तोड़ने वाले नीतीश कुमार के नए मंत्रियों को लेकर भी नया खुलासा हुआ है. जी हां नीतीश कुमार की नई नवेली कैबिनेट की छवि भी कुछ खास साफ-सुथरी नहीं है.आपको जानकर हैरानी होगी कि बिहार में जेडीयू-बीजेपी गठबंधन की नई सरकार दागी मंत्रियों की संख्या पिछली महागठंबधन के दागी मंत्रियों से कहीं ज्यादा है. दागी मंत्रियों से यहां मतलब उन विधायकों से हैं जिन्होंने अपने चुनावी हलफनामें में खुद पर लगे आपराधिक मामलों का ब्योरा दिया है. इन विधायकों पर हत्या की कोशिश से लेकर, चोरी, डकैती, धोखाधड़ी और महिलाओं के खिलाफ हिंसा जैसे गंभीर मामले भी हैं.
चुनाव वाचडॉग संस्था एडीआर यानि एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक नीतीश कुमार की कैबिनेट में 76 फीसदी मंत्रियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक नीतीश कुमार की नई कैबिनेट के 29 में से 22 मंत्री यानि 76 फीसदी मंत्री आपराधिक मामलों में आरोपी हैं.
महागठंबधन सरकार से ज्यादा दागी मंत्री बीजेपी-जेडीयू सरकार में
एडीआर के आंकड़ों की मानें तो एक दिलचस्प तथ्य सामने आया है. आपको जानकर हैरानी होगी कि भ्रष्टाचार और नैतिकता के नाम पर लालू से नाता तोड़ने वाले नीतीश कुमार की नई सरकार में महागठबंधन वाली कैबिनेट से ज्यादा दागी मंत्री हैं. महागठबंधन सरकार में जहां 19 मंत्री यानी 68 फीसदी मंत्री ही आरोपी थे. वहीं नई जेडीयू-बीजेपी गठबंधन की सरकार में 29 में से 22 मंत्री यानि 76 फीसदी मंत्री आपराधिक मामलों में आरोपी हैं. इन 22 दागी मंत्रियों में से 9 मंत्रियों ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामलों का जिक्र किया है. इतना ही नहीं जेडीयू से नीतीश कैबिनेट के दो मंत्रियों के खिलाफ हत्या की कोशिश में धारा 307 के तहत मामले दर्ज हैं. कई मंत्रियों के खिलाफ डकैती, चोरी, धोखाधड़ी, और महिलाओं के खिलाफ हिंसा जैसे गंभीर मामले दर्ज हैं.
करोड़पति मंत्रियों की संख्या
नीतीश की कैबिनेट में 21 मंत्री यानी लगभग 72 फ़ीसदी मंत्री करोड़पति हैं जबकि पिछली सरकार में 22 यानी लगभग 79 फीसदी मंत्री करोड़ पति थे. चुनाव आयोग में दाखिल किए गए हलफनामे के मुताबिक नीतीश कुमार के कुल मंत्रियों की औसत संपत्ति लगभग 2.46 करोड़ है.
नीतीश की कैबिनेट में मंत्री और लखीसराय से बीजेपी के करोड़पति विधायक की कुल संपत्ति साढ़े पंद्रह करोड़ है. वहीं मुजफ्फरपुर से बीजेपी विधायक और नीतीश कैबिनेट में मंत्री सुरेश कुमार ने अपनी कुल संपत्ति 11 करोड़ बताई है. मुंगेर से जेडीयू विधायक राजीव रंजन सिंह की कुल संपत्ति 5 करोड़ दर्ज है.
सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की विधान परिषद की सदस्यता रद्द करने की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई के लिये मंगलवार को सहमत हो गया. याचिका में कुमार पर कथित तौर पर लंबित आपराधिक मामला छिपाने का आरोप लगाया गया है. न्यायमूर्ति दीपक मिश्र, न्यायमूर्ति अमिताव रॉय और न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर की पीठ ने याचिकाकर्ता अधिवक्ता एम एल शर्मा के मामले की तत्काल सुनवाई के अनुरोध पर कहा कि वह इसे देखेगी. पीठ ने कहा कि वह देखेगी कि मामले को सुनवाई के लिए कब सूचीबद्ध किया जा सकता है.