Source: 
Patrika
Author: 
Date: 
10.07.2021
City: 
New Delhi

इस सप्ताह बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मंत्रिपरिषद में फेरबदल करते हुए 36 नए चेहरों को जोड़ा और अब इसमें मंत्रियों की कुल संख्या 78 तक पहुंच गई है। जो की इसकी वैधानिक सीमा 81 से बेहद कम है। हालांकि इन नए मंत्रियों में कौन कितना रईस है और किसके ऊपर कितने आपराधिक मुकदमे हैं, यह जानना बेहदह जरूरी हो जाता है। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट में बताया गया है कि इन 78 में से 33 मंत्रियों (42%) के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें से 24 में हत्या, हत्या के प्रयास और डकैती से संबंधित गंभीर मामले हैं।

दरअसल, एडीआर ने इन मंत्रियों के खिलाफ दर्ज मामलों को सामने लाने के लिए इनके चुनावी हलफनामों का हवाला दिया है। इसके अलावा अपने विश्लेषण में एडीआर ने पाया कि नए केंद्रीय मंत्रिमंडल के लगभग 90% सदस्य यानी 70 मंत्री करोड़पति हैं, जिसका मतलब है कि उन्होंने अपनी कुल संपत्ति 1 करोड़ रुपये से अधिक की घोषित की है।

इनमें से टॉप चार सबसे रईस मंत्रियों में पहले नंबर पर ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम आता है। सिंधिया के पास 379 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति है। इसके बाद पीयूष गोयल 95 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति के मालिक हैं, तो नारायण राणे के पास 87 करोड़ रुपये से अधिक और राजीव चंद्रशेखर के पास 64 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति है। इन मंत्रियों को "हाई एसेट मिनिस्टर" के रूप में वर्गीकृत किया गया है। इसका मतलब है कि उन्होंने 50 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति घोषित की है।
मंत्रिपरिषद में विस्तार के बाद जिन केंद्रीय मंत्रियों के खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए गए हैं, उनके अनुपात में 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। 2019 में जब पहली कैबिनेट ने शपथ ली थी, तो एडीआर द्वारा किए गए विश्लेषण में पता चला था कि 56 मंत्रियों में से 39% ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए थे। उस कैबिनेट में भी 91% फीसदी के भारी बहुमत से मंत्री करोड़पति थे।

रिपोर्ट में कहा गया है कि पीएम मोदी के नए मंत्रिपरिषद में प्रति मंत्री औसत संपत्ति लगभग 16.24 करोड़ रुपये पाई गई है। जिन कैबिनेट मंत्रियों के पास सबसे कम संपत्ति है, वे हैं: त्रिपुरा की प्रतिमा भौमिक, जिनके पास करीब 6 लाख रुपये की संपत्ति है, जबकि इसके बाद पश्चिम बंगाल से जॉन बारला का नाम आता है, जिन्होंने करीब 14 लाख रुपये की संपत्ति की घोषणा की थी। वहीं, इनके बाद राजस्थान के कैलाश चौधरी (करीब 24 लाख रुपये), ओडिशा के बिश्वेश्वर टुडू (करीब 27 लाख रुपये), और महाराष्ट्र के वी मुरलीधरन (करीब 27 लाख रुपये) आते हैं।

नए मंत्रियों की शैक्षिक योग्यता का विश्लेषण करते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि इनमें से अधिकांश मंत्री स्नातकोत्तर हैं और इनकी संख्या 21 है। नौ मंत्रियों के पास डॉक्टरेट की उपाधि है, जबकि 17 स्नातक और इतने ही पेशेवर स्नातक हैं। दो मंत्रियों ने केवल आठवीं कक्षा की परीक्षा उत्तीर्ण की है, तीन दसवीं कक्षा और सात अन्य ने बारहवीं कक्षा की परीक्षा पास की है।
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