Source: 
Author: 
Chandra Pandey
Date: 
11.11.2020
City: 

बिहार में करीब दो तिहाई नवनिर्वाचित विधायकों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं जबकि 81 प्रतिशत विधायक करोड़पति हैं। चुनाव अधिकार समूह 'असोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ' (एडीआर) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, चुनाव में विजयी हुए 241 उम्मीदवारों के हलफनामों का विश्लेषण करने पर पता चलता है कि 163 (68 फीसदी) प्रत्याशियों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने की घोषणा की है। 123 (51 प्रतिशत) विधायकों ने बताया है कि उनके खिलाफ कत्ल, हत्या की कोशिश, अपहरण, महिलाओं के खिलाफ अपराध समेत संगीन धाराओं में मामले दर्ज हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में जीते 243 विधायकों में से 142 (58 प्रतिशत) के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज थे। रिपोर्ट के मुताबिक, नवनिर्वाचित 9 विधायकों ने घोषित किया है कि उनके खिलाफ हत्या (भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत) का मामला दर्ज है। 31 नए विधायकों ने बताया है कि उनके खिलाफ हत्या की कोशिश (भारतीय दंड संहिता की धारा 307 के तहत) का मुकदमा दर्ज है। वहीं 8 नवनिर्वाचित विधायकों ने अपने खिलाफ महिलाओं के विरुद्ध अपराध से संबंधित मामले दर्ज होने की घोषणा अपने चुनावी हलफनामे में की है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि आरजेडी के 75 में से 54 (73 प्रतिशत) विधायकों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने की घोषणा की है। बीजेपी के 74 में से 47 (64 फीसदी) विधायकों ने आपराधिक मामले दर्ज होने की घोषणा की है।

इसके अलावा, जेडीयू के 43 में से 20 (47 प्रतिशत) कांग्रेस के 19 में से 16 (84 फीसदी) सीपीआई (एमएल) (एल) के 12 में से 10 (83 प्रतिशत) और एआईएमआईएम के सभी पांचों (100 फीसदी) विधायकों ने अपने खिलाफ आपराधिक मुकदमे दर्ज होने की घोषणा की है।

एडीआर ने कहा कि आरजेडी के 75 में से 44 (60 फीसदी) बीजेपी के 74 में से 35 (48 फीसदी) जेडीयू के 43 में से 11 (26 प्रतिशत) कांग्रेस के 19 में से 11 (58 फीसदी), सीपीआई (एमएल) (एल) के 12 में से 8 (67 फीसदी) और एआईएमआईएम के सभी पांच (100 फीसदी) विधायकों ने अपने खिलाफ संगीन आपराधिक मामले दर्ज होने की घोषणा अपने-अपने हलफनामों में की है।

रिपोर्ट में विधायकों का आर्थिक ब्यौरा भी दिया गया है। एडीआर के मुताबिक, 241 (कुल विधायक 243 हैं) नव निर्वाचित विधायकों के हलफनामों का विश्लेषण करने पर पता चला कि 194 (81 प्रतिशत) नए विधायक करोड़पति हैं। 2015 के चुनाव में जीते 243 विधायकों में से 162 (67 फीसदी) करोड़पति थे।

रिपोर्ट कहती है कि बीजेपी के 74 में से 65 (89 फीसदी), आरजेडी के 75 में से 64 (87 प्रतिशत), जेडीयू के 43 में से 38 (88 फीसदी) और कांग्रेस के 19 में से 14 (74 प्रतिशत) विधायकों ने एक करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति घोषित की है।

एडीआर के मुताबिक, बिहार विधानसभा 2020 में नवनिर्वाचित विधायकों की औसत संपत्ति 4.32 करोड़ रुपये है। 2015 में पुनः निर्वाचित विधायकों की औसत संपत्ति 3.15 करोड़ रुपये थी जो 2020 में 67 प्रतिशत बढ़कर 5.26 करोड़ रुपये हो गई है।

रिपोर्ट कहती है कि 82 (34 प्रतिशत) नव निर्वाचित विधायकों ने अपनी शैक्षिक योग्यता पांचवीं से लेकर 12वीं कक्षा पास बताई है जबकि 149 (62 फीसदी) विधायकों ने अपनी शैक्षिक योग्यता स्नातक या इससे ज्यादा बताई है। 9 नए विधायक साक्षर हैं तो एक नव निर्वाचित विधायक के पास डिप्लोमा है।

रिपोर्ट के मुताबिक, 115 (48 प्रतिशत) नव निर्वाचित विधायकों ने अपनी उम्र 25 से 50 साल के बीच घोषित की है जबकि 126 (52 फीसदी) नए विधायकों ने अपनी आयु 51 से 80 वर्ष बताई है।

241 उम्मीदवारों के हलफनामे का विश्लेषण करने पर पता चला है कि इस बार 26 (11 प्रतिशत) महिला प्रत्याशी जीती हैं। 2015 में 243 में से 28 (12 फीसदी) महिला विधायक थीं। बिहार में हुए विधानसभा चुनाव के परिणाम 10 नवंबर को घोषित किए गए थे।

© Association for Democratic Reforms
Privacy And Terms Of Use
Donation Payment Method