ADR report On Bihar MLA एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक बिहार के 67 प्रतिशत विधायकों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। उसमें भी गंभीर श्रेणी के अपराध वाले विधायकों की संख्या 50 प्रतिशत है। इस मामले में तुलना की जाए तो बिहार के पड़ोसी राज्य झारखंड बंगाल और उत्तर प्रदेश की स्थिति अच्छी कही जा सकती है जहां बिहार से कम दागी विधायक हैं।
HIGHLIGHTS
- देश में सबसे अधिक आपराधिक छवि के विधायक केरल में और सबसे कम नगालैंड में।
- स्नातक व उससे अधिक की योग्यता वाले विधायक मणिपुर में सर्वाधिक और सबसे कम गुजरात में।
- हत्या के प्रयास मामले में आरोपित देश के कुल 181 में बिहार के विधायकों की संख्या 31 है।
रात में बेउर जेल में बैरक का दरवाजा खुला रह जाने के कारण अनंत सिंह एक बार फिर चर्चा में हैं। इससे 11 महीने पहले भी वे चर्चा में आए थे, लेकिन तब आपराधिक मामले में 10 साल कारावास की सजा सुनाए जाने के बाद विधानसभा से उनकी सदस्यता रद्द हो गई थी। अनंत सिंह मोकामा से राजद के विधायक थे।
अनंत सिंह के ऊपर वाली बैरक में रहने वाले राजबल्लभ यादव भी आपराधिक कृत्यों में सजायाफ्ता होकर लगभग साढ़े चार साल पहले विधानसभा की अपनी सदस्यता गंवा चुके हैं। हालांकि, राजबल्लभ नवादा से पिछली विधानसभा में विजयी हुए थे, जबकि अनंत सिंह को 17वीं विधानसभा से अपनी सदस्यता गंवानी पड़ी थी, जिसके आधे से अधिक सदस्यों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं।
देश में आपराधिक छवि के सर्वाधिक 70 प्रतिशत विधायक केरल में हैं और सबसे कम पांच प्रतिशत नगालैंड में। विभिन्न राज्यों के 4,001 विधायकों से जुड़े ब्योरा का अध्ययन कर एडीआर ने अपनी ताजा रिपोर्ट जारी की है।
रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार के 67 प्रतिशत विधायकों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। उसमें भी गंभीर श्रेणी के अपराध वाले विधायकों की संख्या 50 प्रतिशत है। इस मामले में बिहार के पड़ोसी राज्य झारखंड, बंगाल और उत्तर प्रदेश की स्थिति अच्छी कही जा सकती है, जहां बिहार से कम दागी विधायक हैं।
बिहार की तुलना में यूपी में ज्यादा विधायक पढ़े-लिखे
रिपोर्ट के मुताबिक, शैक्षणिक पैमाने पर बिहार के विधायकों की स्थिति संतोषजनक है। हालांकि, पड़ोसी राज्य भी बिहार से कमजोर नहीं। विधायकों की शिक्षा के मामले में उत्तर प्रदेश बिहार से आगे है, जबकि झारखंड और बंगाल भी कमोबेश बिहार के बराबर ही हैं।
हत्या आरोपी कुल 47 में से 17 विधायक बिहार में
देश में कुल 47 विधायक हत्याकांड में आरोपित हैं। उनमें से सर्वाधिक 17 बिहार से हैं और इसमें कांग्रेस को छोड़कर लगभग सभी प्रमुख दलों के विधायक हैं। भाजपा से एकमात्र राजू कुमार सिंह इस सूची में शामिल हैं। वे मुजफ्फरपुर जिला में साहेबगंज से विधायक हैं और राजद नेता तुलसी यादव के अपहरण में आरोपी बनकर अभी सुर्खियों में हैं।
हत्या के प्रयास मामले में आरोपित देश के कुल 181 में बिहार के विधायकों की संख्या 31 है। एकमात्र सिद्धार्थ सौरव के कारण इस लपेटे में कांग्रेस भी आ जा रही। वे पटना जिला में बिक्रम से विधायक हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, शर्मनाक यह कि महिलाओं से अत्याचार में आरोपित 114 लोग भी चुनाव जीतकर देश की विभिन्न विधानसभाओं में पहुंच गए। उनमें 14 तो दुष्कर्म के आरोपी हैं। इस शर्म से बिहार बच गया है। हालांकि, राजबल्लभ की हरकत यहां सायास याद आ जाती है, जो दुष्कर्म के आरोप में ही पिछली विधानसभा से अपनी सदस्यता गंवाए थे।
पढ़ाई-लिखाई के पैमाने पर बिहार कभी कमतर नहीं रहा। विधायकों के शैक्षणिक स्तर से भी इसकी पुष्टि होती है। राज्य के 62 प्रतिशत विधायक स्नातक और उससे अधिक की योग्यता वाले हैं। झारखंड और बंगाल में भी यह प्रतिशत इतना ही है।
इस पैमाने पर 75 प्रतिशत की संख्या के साथ उत्तर प्रदेश आगे है। वहां पांचवीं कक्षा से कम योग्यता वाले विधायकों की संख्या मात्र दो प्रतिशत है, जबकि बिहार में चार प्रतिशत। स्नातक व उससे अधिक की योग्यता वाले सर्वाधिक 77 प्रतिशत विधायक मणिपुर में हैं और सबसे कम 46 प्रतिशत गुजरात में।