Source: 
Trust News
https://www.trustnews.in/90-of-the-members-of-bihar-legislative-council-are-crorepatis-criminal-cases-on-63/
Author: 
Date: 
19.07.2022
City: 
Patna

बिहार के विधानपरिषद सदस्‍यों को लेकर एक चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है. चुनाव सुधार के लिए काम करने वाली संस्‍था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्‍स-ADR ने एक रिपोर्ट जारी की है. इसमें बिहार के विधानपरिषद के सदस्‍यों की स्थिति को लेकर चौंकाने वाले तथ्‍य सामने आए हैं. रिपोर्ट के अनुसार, बिहार विधानपरिषद के 90 फीसद सदस्‍य करोड़पति हैं. दूसरी तरफ, 63 फीसद सदस्‍यों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. बता दें कि विधानपरिषद को उच्‍च सदन माना जाता है. ऐसे में इस सदन के सदस्‍यों से आदर्श के उच्‍चतर मानकों का पालन करने की अपेक्षा की जाती है.

एडीआर की रिपोर्ट चौंकाने वाली है. एडीआर की रिपोर्ट की मानें तो बिहार विधानपरिषद के 63% सदस्यों पर आपराधिक मामले चल रहे हैं. इनमें 33% पर गंभीर आपराधिक केस दर्ज किए गए हैं. गंभीर आपराधिक मामलों में हत्या के प्रयास जैसे आरोप भी शामिल हैं. एडीआर की रिपोर्ट में चौंकाने वाली बात यह है कि इस सदन के 90% सदस्य करोड़पति हैं. स्थानीय प्राधिकार से चुनकर आए सभी 24 सदस्य इसी ग्रुप में आते हैं. एडीआर के बिहार प्रमुख राजीव कुमार द्वारा यह रिपोर्ट सोमवार को जारी की गई. इसमें 75 सदस्यीय विधानपरिषद के 60 सदस्यों का सर्वेक्षण किया गया. निर्वाचन के पहले प्रत्याशी के रूप में दिए गए शपथ पत्र को रिपोर्ट का आधार बताया गया है.

चुनाव के समय दाखिल शपथ पत्र के आधार पर रिपोर्ट तैयार की गई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि 60 सदस्यों में से 38 सदस्यों द्वारा अपने शपथ पत्र में स्वयं को आपराधिक मामले का आरोपी बताया गया है. इनमें से 20 ने गंभीर अपराध की बात कही है. 9 सदस्य ऐसे हैं जिनपर हत्या के प्रयास के आरोप हैं और 2 सदस्यों के विरुद्ध हत्या जैसे मामले चल रहे हैं. दो के खिलाफ महिला अत्याचार के आरोप हैं. एडीआर की रिपोर्ट इस बात की गवाह है कि सबसे ज्यादा भाजपा सदस्यों के खिलाफ आपराधिक केस दर्ज हैं. सर्वे में शामिल भाजपा के 16 सदस्यों में 11 के खिलाफ आपराधिक केस दर्ज हैं. राजद के 14 में से 10 और जनता दल यूनाइटेड के सदस्य 18 मे 8 सदस्‍य किसी न किसी तरह के अपराधिक मामले के आरोपी हैं. कांग्रेस के चार मे तीन और भाकपा के 2 सदस्य भी आरोपी हैं. गंभीर अपराध के मामलों में भाजपा और राजद के 5–5 जबकि जदयू के 7 सदस्य आरोपी हैं.

विधानपरिषद के सभी 75 सदस्यों की बात करें तो उनकी औसत संपत्ति 33.87 करोड़ है. सर्वाधिक धनी बिहार विधानपरिषद के निर्दलीय सदस्य सच्चिदानंद राय हैं. उनकी चल-अचल संपत्ति 1108 करोड़ रुपए है. दूसरे और तीसरे नम्बर पर भाजपा के राजीव कुमार और अशोक अग्रवाल का नाम है. राजद की मुन्नी देवी बिहार विधानपरिषद के सदस्य हैं, जिनके पास सिर्फ 29 लाख रुपये की संपत्ति है.

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