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Date: 
27.10.2020
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एक गैर सरकारी संगठन की जानकारी के अनुसार बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए मैदान में डटे 1463 उम्मीदवारों में से 34 प्रतिशत – करीब 497 लोगों – ने अपने खिलाफ आपराधिक मामलों की घोषणा की है।

चुनाव संबंधी गैर सरकारी संगठन एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (एडीआर) ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि करीब 27 प्रतिशत तथा कुल 389 उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामलों की जानकारी दी है। ये गंभीर मामले गैर जमानती अपराध हैं और इसमें पांच साल से अधिक की सजा हो सकती है। इसके अनुसार कुल 502 उम्मीदवार अथवा 34 प्रतिशत प्रत्याशियों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामलों की घोषणा की है। संगठन की रिपोर्ट में कहा गया है कि करीब 34 फीसद अथवा 495 उम्मीदवारों ने अपनी संपत्ति करोड़ों में बतायी है जबकि तीन उम्मीदवारों ने कहा है कि उनके पास कोई संपत्ति नहीं है।

– राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के 56 उम्मीदवारों में से 64 प्रतिशत अथवा 36 उम्मीदवारों ने हलफनामे में अपने खिलाफ आपराधिक मामलों की घोषणा की है और 50 फीसदी अथवा 28 उम्मीदवारों ने गंभीर आपराधिक मामले बताये हैं
– भारतीय जनता पार्टी के 46 उम्मीदवारों में से 29 ने आपराधिक मामले जबकि 20 ने गंभीर आपराधिक मामले अपने हलफनामे में बताये हैं
– लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के 52 उम्मीदवारों में से 28 ने आपराधिक मामले जबकि 24 ने गंभीर आपराधिक मामलों की घोषणा की है
– कांग्रेस के 24 उम्मीदवारों में से 14 के खिलाफ आपराधिक मामले
– इसके अलावा बसपा के 33 में से 16 और जद (यू) के 43 में से 20 उम्मीदवारों ने अपने अपने हलफनामे में आपराधिक मामलों की घोषणा की है
– इसी प्रकार बसपा के 14, कांग्रेस के 10 तथा जद (यू) के 15 उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ ‘गंभीर’ आपराधिक मामलों की घोषणा की है
– इसके अनुसार 49 उम्मीदवारों ने महिलाओं के खिलाफ अपराधों की घोषणा की है जबकि इनमें से चार ने कहा है कि उनके खिलाफ बलात्कार से संबंधित मामले चल रहे हैं

84 सीट हैं रेड अलर्ट निर्वाचन क्षेत्र
रिपोर्ट में कहा गया है कि हलफनामे से प्राप्त जानकारी के अनुसार 32 उम्मीदवारों के खिलाफ हत्या एवं 143 उम्मीदवारों के खिलाफ हत्या के प्रयास के मामले लंबित हैं। इसमें कहा गया है कि दूसरे चरण की 94 सीटों में से 84 सीटों को ‘रेड अलर्ट’ निर्वाचन क्षेत्र घोषित किया गया है। रेड अलर्ट निर्वाचन क्षेत्र वे होते हैं जहां तीन या उससे अधिक ऐसे उम्मीदवार चुनाव मैदान में होते हैं जो अपने खिलाफ आपराधिक मामलों की घोषणा करते हैं।

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