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एडीआर की एक रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2016-17 से 2017-18 के बीच बीजेपी को 915.596 करोड़ रुपये का भारी भरकम कॉरपोरेट चंदा मिला है. वहीं इसी समयाविधि में कांग्रेस को मात्र 55.36 करोड़ रुपये का कॉरपोरेट चंदा मिला है.

यह रिपोर्ट चुनाव आयोग के उस डेटा पर आधारित है, जिसमें चुनाव आयोग ने छह राष्ट्रीय पार्टियों को 20 हजार और उससे अधिक मिले चंदे की जानकारी दी है. इन छह राष्ट्रीय पार्टियों में बीजेपी, कांग्रेस, एनसीपी, सीपीएम, सीपीआई और टीएमसी शामिल हैं. वहीं बीएसपी को इस लिस्ट में उसके द्वारा यह घोषणा करने पर शामिल नहीं किया गया है कि उसे वित्त वर्ष 2016-17 से 2017-18 के बीच 20 हजार से ऊपर कोई चंदा नहीं मिला है.

बीजेपी को कुल कॉरपोरेट चंदे का 94 प्रतिशत हिस्सा मिला है. बीजेपी को 1731 कॉरपोरेट दानदाताओं ने 915.596 करोड़ रुपये का चंदा दिया है. वहीं कांग्रेस को केवल 151 कॉरपोरेट दानदाताओं ने चंदा दिया है. एनसीपी को 7.73 करोड़ रुपये, सीपीएम को 4.42 करोड़ रुपये और टीएमसी को 2.03 करोड़ रुपये का कॉरपोरेट चंदा मिला है. सीपीआई को सबसे कम दो प्रतिशत कॉरपोरेट चंदा मिला है.

कुल 985.18 करोड़ के कॉरोपोरेट चंदे में 22.59 करोड़ रुपये उन कंपनियों की तरफ से आए हैं, जिनके बारे में ऑनलाइन कोई भी जानकारी उपलब्ध नहीं है. इन कंपनियों के काम के बारे में कोई स्पष्टता नहीं है.

पार्टियों को 916 ऐसे दानदाताओं से भी चंदा मिला है, जिन्होंने अपने पते की जानकारी नहीं दी है. ऐसे दाताओं से मिलने वाले चंदे में 118.66 करोड़ रुपये बीजेपी के पास गए हैं. बीजेपी को कॉरपोरेट चंदे के रूप में 2.50 करोड़ रुपये ऐसे भी मिले हैं, जिसमें पैन और पते की जानकारी नहीं दी गई है.


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