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Date: 
17.10.2017
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New Delhi

 केंद्र समेत देश के राज्य में सत्तासीन बीजेपी देश की सबसे धनी पार्टी बन गई है। बीजेपी की संपत्ति करीब 869 करोड़ रुपये आंकी गई है, जबकि कांग्रेस 759 करोड़ के साथ दूसरे स्थान पर है।

-  एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) द्वारा सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि सत्तारूढ़ बीजेपी भारत के सात राष्ट्रीय दलों में सबसे अमीर पार्टी है, जिन्होंने 2015-16 में करीब 869 करोड़ रुपये की संपत्ति की घोषणा की है। जबकि बीजेपी ने लगभग 25 करोड़ की देनदारी की घोषणा की थी, कांग्रेस का आंकड़ा 32.9 करोड़ रुपये था। 

- एडीआर की यह रिपोर्ट 2004-05 से 2015-16 तक राष्ट्रीय दलों द्वारा संपत्ति और देनदारियों की घोषणा पर आधारित है। हालांकि संपत्ति में चल और अचल सम्पत्ति, नकद, वाहन, निवेश, जमा, ऋण शामिल हैं, देयताओं जैसे बैंकों से उधार, असुरक्षित ऋण और ओवरड्राफ्ट सुविधाएं तक पहुंच शामिल है। 

- एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार 11 साल की अवधि में, कांग्रेस को 2014-15 तक बीजेपी की तुलना में अधिक संपत्ति मिली। 
 
- बीजेपी ने 2015-16 में 869 करोड़ रुपये के साथ सबसे ज्यादा संपत्ति की घोषणा की है। इसके बाद बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के 557 करोड़ रुपये और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के 432 करोड़ रुपये का नंबर आता है। पिछले 11 सालों में कांग्रेस के 169% के मुकाबले बीजेपी की संपत्ति में 700% की वृद्धि हुई है। 

- वहीं तृणमूल कांग्रेस की संपत्ति में 13,447% और बसपा की संपत्ति में 1194% की वृद्धि हुई है। 2004-05 में सात राष्ट्रीय दलों द्वारा घोषित औसत कुल संपत्ति 61.62 करोड़ रुपए थी जोकि 2015-16 तक बढकर 388.45 करोड़ रूपए तक पहुंच गई है। 2004-05 में बीएसपी की संपत्ति का मूल्य 123 करोड़ रुपये था, 11 वर्षों में करीब 627.15% की बढ़ोतरी हुई. वहीं इस अवधि में कांग्रेस की संपत्ति में 353.41% की वृद्धि हुई।
 
- पिछले आम चुनावों के बाद कांग्रेस की संपत्ति में कमी देखने को मिली। जोकि केवल 65 करोड़ रुपये का मामूली गिरावट रही। 2013-14 में 767 करोड़ से 2014-15 में 702 करोड़ तक।  लेकिन अगले वित्त वर्ष में कांग्रेस की संपत्ति में फिर से इजाफा हो गया।

-  पार्टी की संपत्ति 758.7 9 करोड़ रुपये तक पहुंच गई। बता दें कि 2012-13 में बीजेपी की कुल संपत्ति 464 करोड़ रुपये थी। जोकि अगले साल बढ़कर 781 करोड़ रुपये हो गई, उसके बाद 2015-16 में 894 करोड़ रुपये हो गई। 
 

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