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Date: 
25.11.2018
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निर्वाचन आयोग की चिंता-लिंगानुपात की तुलना में महिलाओं का पंजीयन कम क्यों

जनगणना वर्ष 2011 के आंकड़ों के मुताबिक मप्र में प्रति हजार पुरुषों पर 931 महिलाएं है लेकिन मतदाता सूची में लिंगानुपात 917 है। यानी आंकलित लिंगानुपात के मुकाबले 14 अंक कम। मतलब अपनी वास्तविक आबादी के मुकाबले महिलाओं की संख्या मतदाता सूची में कम है। जिसके बाद सरकारी अमला महिला मतदाताओं को जागरूक करने में लग गया है। हालांकि इंदौर जिले के लिए राहत की बात यह है कि यहां इसमें सुधार आया है। यहां लिंगानुपात की तुलना में ज्यादा पंजीयन हुए है।

मप्र में 230 विधानसभाओं के लिए 28 नवंबर को मतदान होने जा रहे हैं। लिंगानुपात के मामले में प्रदेश की स्थिति बहुत बेहतर वैसे भी नहीं है। ऐसे में मतदाता सूची में बिगड़ा लिंगानुपात परेशान करने वाला है। इंदौर जिले की बात करें तो यहां का लिंगानुपात 928 प्रति हजार है। जबकि मतदाता सूची में लिंगानुपात 940 है। यहां करीब 24 लाख 8 हजार लोग मतदान करेंगे। इनमें 12 लाख 78 हजार 474 पुरुष मतदाता और 12 लाख 1 हजार 414 महिला मतदाता है।

महिला मतदाता प्रदेश की राजनीति में क्या अहमियत रखती हैं, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता हैं कि महिला मतों को मजबूत करने के लिए सरकार का एक पूरा विभाग जनजागरूकता फैलाने में लग गया है। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा गांव-गांव अभियान चला रहा है। यह कवायद इसलिए भी की जा रही हैं कि कम से कम मतदाता सूची में जितने पंजीयन हुए हैं, उतनी ही संख्या में महिलाएं मतदान करें।  पिछली बार 70 प्रतिशत महिलाओं ने मतदान किया था।

 फिलहाल यह स्थिति
 निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के मुताबिक मप्र में कुल 5, 04,91, 251 लोग मतदान करेंगे। इसमें 2,42,30, 390 महिला मतदाता और 2,63,01,300 पुरुष मतदाता है। इस हिसाब से लिंगानुपात 917 आ रहा है। यानी मतदाता सूची तक आते-आते यह संख्या और घट गई है। निर्वाचन आयोग अब इस पर चिंता जता रहा है  कि लिंगानुपात की तुलना में पंजीयन में कमी क्यों आई। इसके कारण तलाशे जा रहे हैं।

महिलाओं से संपर्क किया जा रहा है कि कम से कम जितनी महिलाओं ने पंजीयन करवाया है, उतनी संख्या में मतदान भी हो।  महिला एवं बाल विकास विभाग का अमला गांव-गांव जाकर महिला मतदाताओं को जागरूक करने में लग गया है। संयुक्त संचालक महिला एवं बाल विकास विभाग राजेश मेहरा बताते हैं कि हमने गांवों में जनजागरूकता फैलाने के लिए अभियान शुरू कर दिया है। ताकि शत-प्रतिशत महिलाएं मतदान करें।

यहा है लिंगानुपात में बड़ा अंतर
 पूरे प्रदेश में ऐसे जिलों को चिन्हित किया गया है जहां लिंगानुपात की तुलना में महिलाओं का वोटिंग प्रतिशत बेहद कम है। यह अंतर सीधी, रीवा, कटनी, मूरैना, ग्वालियर, झाबुआ, आलीराजपुर और बैतुल जिले में सर्वाधिक है।

पिछले चुनाव की तुलना में बढ़ी है महिलाओं की संख्या  
वर्ष 2011 के की जनसंख्या के अनुसार लिंगानुपात 931 है। इस बार मतदाता सूची में यह 917 है। वर्ष 2013 में यह अनुपात 895 था। यानी पिछले चुनाव की तुलना में 10 अंक का उछाल आया है। अधिकारी इसकी वजह तलाश रहे हैं। पहला कारण कि महिलाओं ने खुद पंजीयन में दिलचस्पी नहीं दिखाई हो। दूसरा कारण यह भी सामने आ रहा है कि सरकारी अमले ने उतनी गंभीरता से पंजीयन का काम नहीं किया हो, जिसके कारण महिला मतदाता कम हुई हो।

निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के अनुसार
- मप्र में कुल 5, 04,91, 251 मतदाता
- 2,42,30, 390 महिला मतदाता
- 2,63,01,300 पुरुष मतदाता  

इंदौर में
करीब 24 लाख 8 हजार लोग मतदान करेंगे।
12 लाख 78 हजार 474 पुरुष मतदाता
12 लाख 1 हजार 414 महिला मतदाता 

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