Source: 
Wortheum
https://wortheum.news/politics/@vikkiupadhyay95/z22te
Author: 
vikkiupadhyay95
Date: 
12.08.2022
City: 

महाराष्ट्र में मंत्रिमंडल विस्तार के बाद से ही इस बात की चर्चा है कि इसमें कोई महिला नहीं है। अबभाजपा नेता पंकजा मुंडे ने खुलकर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि शायद वह इस योग्य नहीं हैं।
महाराष्ट्र में शिंदे सरकार बनने के 40 दिन बाद मंत्रिमंडल का विस्तार किया गया तो इसको लेकर आपत्तियां भी दर्ज होने लगीं। मंत्रिमंडल में एक भी महिला ना होने पर महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने निराशा जाहिर की थी। अब भाजपा नेता पंकजा मुंडे ने भी अपनी 'अनदेखी' को लेकर खुलकर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ नेताओं ने मुझे इस काबिल ही नहीं समझा। मुंडे के बयान के बाद उनके समर्थक आक्रामक हो सकते हैं और महाराष्ट्र में सियासत गरमा सकती है।
पंकजा मुंडे ने कहा, जब कोई मंत्री बनता है तो उसे लोगों को संतुष्ट भी करना होता है। मैं आशा करती हूं कि नए मंत्री लोगों के विश्वास पर खरे उतरेंगे। मैं भी लोगों में लोकप्रिय हूं लेकिन अगर उन्हें लगता है कि मैं इस योग्य नहीं हूं इसीलिए मुझे मंत्रिपद नहीं दिया गया। जब उन्हें लगेगा कि अब मैं योग्य हूं तो वे जरूर मंत्री बनाएंगे। पंकजा मुंडे ने कहा कि कैबिनेट में महलाएं होनी चाहिए। उन्होंने कहा, मैं इस बात की सराहना करती हूं कि पिछली सरकार में मुझे महिला होते हुए भी ग्रामीण विकास का जिम्मा मिला था। महिलाओं को इस तरह के अवसर मिलने चाहिए।

भाजपा में पंकजा मुंडे की अनदेखी
परली विधानसभा से चुनाव हारने के बाद उम्मीद थी कि भाजपा उन्हें विधान परिषद भेजेगी। हालांकि ऐसा नहीं हुआ। पिछले तीन साल से नेतृत्व उनकी अनदेखी कर रहा है। राज्यसभा चुनाव के वक्त चर्चा थी कि पंकजा मुंडे को राज्यसभा भेजा जा सकता है लेकिन ऐसा भी नहीं हुआ। इसके बाद पंकजा मुंडे के समर्थकों ने कई जगह नाराजगी जाहिर की। देवेंद्र फडणवीस और चंद्रकांत पाटिल के खिलाफ नारेबाजी भी हुई। औरंगाबाद में एक समर्थक ने आत्मदाह करने का भी प्रयास किया था। ऐसे में कहा जा रहा है कि उनकी नाराजगी से सियासत गरमा सकती है।

20 में से 15 मंत्रियों के खिलाफ आपराधिक मामले
महाराष्ट्र के 75 प्रतिशत मंत्रियों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने की घोषणा की है। 'एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स' (एडीआर) ने यह जानकारी दी। राज्य में इस समय मुख्यमंत्री समेत 20 मंत्री हैं। इस विस्तार के बाद 'एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स' और 'महाराष्ट्र इलेक्शन वॉच' ने 2019 में विधानसभा चुनावों के दौरान पेश किए गए इन मंत्रियों के शपथ पत्रों का विश्लेषण किया। विश्लेषण के अनुसार, 15 (75 प्रतिशत) मंत्रियों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं और 13 (65 प्रतिशत) मंत्रियों ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामलों को घोषणा की है।

ये सभी मंत्री करोड़पति हैं और उनकी संपत्ति का औसत मूल्य 47.45 करोड़ रुपये है। एडीआर ने कहा, ''सबसे अधिक कुल घोषित संपत्ति वाले मंत्री मालाबार हिल निर्वाचन क्षेत्र से विधायक मंगल प्रभात लोढ़ा हैं, जिनकी संपत्ति 441.65 करोड़ रुपये है। सबसे कम कुल घोषित संपत्ति वाले मंत्री पैठण निर्वाचन क्षेत्र से विधायक भुमरे संदीपनराव आसाराम हैं, जिनके पास 2.92 करोड़ रुपये की संपत्ति है।''

मंत्रिमंडल में कोई महिला नहीं है। आठ (40 प्रतिशत) मंत्रियों की घोषणा के अनुसार, उनकी शैक्षणिक योग्यता 10वीं से 12वीं कक्षा के बीच है, जबकि 11 (55 फीसदी) मंत्रियों ने स्नातक या उससे ऊपर की शैक्षणिक योग्यता हासिल की है। इसके अलावा एक मंत्री के पास डिप्लोमा है। महाराष्ट्र के चार मंत्रियों की आयु 41 से 50 साल के बीच और शेष मंत्रियों की उम्र 51 से 70 साल के बीच है।

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