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New Delhi

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफाम्र्स ने दावा किया है कि महिलाओं पर यौन हमले करने वालों में देश के सांसद और विधायक भी पीछे नहीं हैं। कथित धर्मगुरुओं पर महिलाओं के यौन शोषण एसोसिएशन फॅार डेमोक्रेटिक रिफॉम्र्स (एडीआर) और नेशनल इलेक्शन वॉच ने मौजूदा 4896 सांसदों और विधायकों में से 4852 के चुनावी हलफनामे का विश्लेषण किया है। इसमें कुल 776 सांसदों में से 774 के और कुल 4120 विधायकों में से 4078 के हलफनामे शामिल हैं। इनमें से 1581 सांसदों और विधायकों (तकरीबन 33 फीसदी) ने अपने खिलाफ चल रहे आपराधिक मामलों का जिक्र किया है। हलफनामे में 51 सांसद-विधायक ऐसे हैं, जिन्होंने अपने ऊपर चल रहे महिलाओं के खिलाफ अपराधों से जुड़े मामलों का जिक्र किया है। इस मामले में 14 सांसदों-विधायकों के साथ भाजपा सबसे अव्वल है। वहीं, भाजपा के बाद दूसरे नंबर पर शिवसेना (7) और तीसरे स्थान पर तृणमूल कांग्रेस (6) है।

ऐसे लोगों को टिकट देने में भी भाजपा आगे
बीते पांच साल में यौन अपराधों का हलफनामा देने वालों में पार्टियां आगे रही हैं। भाजपा ने ऐसे 48 उम्मीदवारों को टिकट दिए तो बसपा ने 36 प्रत्याशियों को टिकट दिए। वहीं कांग्रेस ने ऐसे 27 उम्मीदवारों को टिकट दिए।

महाराष्ट्र सबसे अव्वल
महिलाओं के खिलाफ अपराधों के बारे में हलफनामा देने वालों में सबसे ज्यादा सांसद-विधायक महाराष्ट्र (12) के थे। इसके बाद पश्चिम बंगाल (11) और ओडिशा (६) आते हैं।<br/>सबसे ज्यादा टिकट भी महाराष्ट्र में बीते 5 साल की बात करें तो महिलाओं के खिलाफ आपराधिक मामलों से जुड़े उम्मीदवारों को सबसे ज्यादा टिकट महाराष्ट्र (65) में दिए गए। इसके बाद बिहार (62) और पश्चिम बंगाल (52) में ऐसे उम्मीदवारों को राजनीतिक पार्टियों ने टिकट बांटे।
महिलाओं के खिलाफ अपराध करने वालों में 51 में से 48 विधायक हैं, जबकि 3 सांसद हैं।

334 ऐसे उम्मीदवार, जिन पर महिला के खिलाफ अपराधों के मामले चल रहे थे, उन्हें क्षेत्रीय पार्टियों ने टिकट दिए।

122 ऐसे निर्दलीय उम्मीदवारों ने बीते पांच साल में लोकसभा/राज्यसभा और विधानसभा चुनावों में ताल ठोंकी थी।

ये हैं आंकड़े:
यौन अपराधों के आरोपी सांसद-विधायक
भाजपा: 14
शिवसेना: 7
तृणमूल कांग्रेस: 6
कांग्रेस: 5
तेलुगूदेशम: 5
बीजू जनता दल: 4
राजद: 2
डीएमके: 2
झारखंड मुक्ति मोर्चा: 2
माकपा:01
निर्दलीय: 3