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Date: 
10.03.2018
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अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी की कुल संपत्ति में 200 फीसद का इजाफा हुआ है. बता दें कि समाजवादी पार्टी पिछले साल यूपी विधानसभा चुनाव में बीजेपी की बड़ी जीत के बाद सत्ता से बाहर हो गई थी. तमिलनाडु में सत्तारूढ़ AIADMK की संपत्ति में भी 155 फीसद की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. ये तथ्य एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की स्टडी से सामने आए हैं.

ADR ने इस स्टडी में 22 क्षेत्रीय पार्टियों की ओर से घोषित परिसंपत्तियों, देनदारी और पूंजी का अध्ययन किया. ये स्टडी वर्ष 2011-12 और वर्ष 2015-16 के लिए की गई. वर्ष 2011-12 में 20 क्षेत्रीय पार्टियों की औसत कुल संपत्ति 24.11 करोड़ रुपये थी जो 2015-16 में बढ़कर 65.77 करोड़ हो गई.

आंध्र प्रदेश की वाईएसआर कांग्रेस का रजिस्ट्रेशन मार्च 2011 में हुआ था. वहीं आम आदमी पार्टी (AAP) नवंबर 2012 में रजिस्टर्ड हुई. इन दोनों पार्टियों ने वर्ष 2012-13 में औसत संपत्ति 1.165 करोड़ रुपये घोषित की थीं जो 2015-16 में बढ़कर 3.765 करोड़ हो गई.

2011-12 में अखिलेश यादव की पार्टी एसपी ने 212.86 करोड़ की संपत्ति घोषित की थी जो 2015-16 में 198 फीसदी बढ़कर 634.96 करोड़ रुपये हो गई. समाजवादी पार्टी, AIADMK, शिवसेना मुख्य क्षेत्रीय पार्टियां हैं, जिनकी वार्षिक घोषित संपत्तियों में तेज इजाफा हुआ.

AIADMK की बात की जाए तो 2011-12 से 2015-16 के बीच इसकी संपत्ति 88.21 करोड़ से बढ़कर 224.87 करोड़ हो गई. यानी इस दौरान कुल 155 फीसदी का इजाफा हुआ. इसी दौरान शिवसेना की संपत्ति 20.59 करोड़ से बढ़कर 39.568 करोड़ हो गई यानी 92 फीसदी का इजाफा हुआ.

क्षेत्रीय दलों में 2015-16 में सबसे ज्यादा पूंजी 634.93 करोड़ रुपये थी. दूसरे नंबर पर DMK कुल 257.18 करोड़ की पूंजी के साथ थी. वहीं AIADMK का 224.84 करोड़ के साथ तीसरा नंबर था.

चंद्रबाबू नायडू की तेलुगु देशम पार्टी ने 2011-12 में कुल पूंजी 11.538 करोड़ रुपये घोषित की थी, जो 2015-16 में बढ़कर 46.09 करोड़ हो गई यानी 299 फीसदी का इजाफा हुआ.

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