Rajasthan Election News: राजस्थान में विधानसभा का चुनाव लड़ रहे कुल प्रत्याशियों में से 326 दागी हैं. यानी उन पर अपराधिक मामले दर्ज हैं. इनमें से 236 पर तो गंभीर किस्म के अपराध के मामले दर्ज हैं. यह तथ्य शनिवार को राजस्थान इलेक्शन वॉच की ओर से जारी की गई रिपोर्ट में सामने आया है. इस रिपोर्ट के लिए प्रदेश में विधानसभा का चुनाव लड़ रहे सभी 1875 उम्मीदवारों के हलफनामों का गहन अध्ययन किया गया है.
राजस्थान में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में इस बार आपराधिक रिकॉर्ड वाले उम्मीदवारों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. इस बार अपराध और गंभीर अपराध के रिकॉर्ड वाले उम्मीदवार बढ़ गए हैं. अगर अपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों की तुलना की जाए तो सूबे में राज्य स्तरीय पार्टियों के उम्मीदवारों में 30 प्रतिशत दागी हैं. जबकि राष्ट्रीय दलों में में 22 प्रतिशत उम्मीदवार का अपराधिक बैकग्राउंड है. चुनाव मैदान में डटे कुल 326 उम्मीदवारों पर अपराधिक मामले दर्ज हैं. इनमें से 236 पर गंभीर किस्म के अपराध के मामले दर्ज हैं. ऐसे में आम आदमी का चुनाव लड़ना मुश्किल होता जा रहा है.
प्रत्याशियों की संपति और आपराधिक मामलों की पड़ताल करने वाली राजस्थान इलेक्शन वॉच ने आज अपनी रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट में सूबे की 200 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव मैदान में डटे 1875 उम्मीदवारों के हलफनामों का गहन अध्ययन किया गया है. इसकी रिपोर्ट के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट आदेशों के बावजूद पार्टियां प्रत्याशी के बारे में जानकारी देने में गोलमाल कर रही हैं.
सीपीआई के 72 प्रतिशत उम्मीदवार दागी हैं
अपराधिक बैकग्राउंड के मामले में प्रदेश सबसे ज्यादा उम्मीदवार 72 प्रतिशत सीपीआई के हैं. उसके बाद दूसरा नंबर आरएलडी का है. उसके 36 प्रतिशत उम्मीदवारों पर अपराध के के मामले दर्ज हैं. भाजपा के 24 प्रतिशत उम्मीदवारों पर अपराध के मामले दर्ज हैं. जबकि कांग्रेस के 21 प्रतिशत उम्मीदवारों पर मामले दर्ज हैं.
651 उम्मीदवार करोड़पति हैं
धनबल की बात करें तो इस बार मात्र 27 प्रतिशत उम्मीदवार ऐसे हैं जिनकी संपत्ति दस लाख से कम हैं. ऐसे 507 उम्मीदवार मैदान में हैं. इस बार चुनाव मैदान में 651 उम्मीदवार करोड़पति हैं. करोड़पति उम्मीदवारों का अगर तुलनात्मक अध्ययन किया जाए तो राष्ट्रीय पार्टी के उम्मीदवार ज्यादा करोड़पति हैं. कुल करोड़पतियों में इनकी हिस्सेदारी 60 प्रतिशत की है. अध्ययन करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता निखिल डे ने कहा कि चुनाव हमारी उम्मीद के मुताबिक सही दिशा में नहीं जा रहे हैं. पार्टियों ने अपराधी बैकग्राउंड वाले उम्मीदवार को टिकट क्यों दिया? क्या उनके पास साफ छवि वाले उम्मीदवार का विकल्प नहीं था? इसका जवाब उनके पास नहीं है.