प्रदेश में कांग्रेस ने भले ही अभी तक अपना सीएम फेस घोषित नहीं किया हो, लेकिन वोटर्स के लिए यह बहुत मायने रखता है. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स और राजस्थान इलेक्शन वॉच की ओर से वोटिंग बिहेवियर यानि मतदाताओं के व्यवहार को लेकर मतदाताओं के बीच हाल ही में किए गए एक सर्वे में इसका खुलासा हुआ है.
सर्वे में यह दिलचस्प तथ्य सामने आया कि वोटर्स सबसे ज्यादा सीएम चेहरे के आधार पर ही प्रत्याशी को वोट देते हैं. शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के विभिन्न वर्गों के करीब 12 से 13 हजार मतदाताओं को इस सर्वे में शामिल किया गया.
सर्वे में जब वोटर्स से पूछा गया कि प्रत्याशी को वोट देते वक्त उनके लिये क्या चीज सबसे ज्यादा महत्व रखती है तो देखिये कितने लोगों ने क्या जवाब दिया.
- 32 % वोटर्स ने प्रत्याशी की पार्टी के सीएम चेहरे को महत्वपूर्ण, 65 % ने अति महत्वपूर्ण बताया.
- 48 % वोटर्स ने प्रत्याशी को महत्वपूर्ण और 24 % ने अति महत्वपूर्ण बताया.
- 31 % वोटर्स ने प्रत्याशी की पार्टी को महत्वपूर्ण और 43 % ने अति महत्वपूर्ण बताया.
- 15 % वोटर्स ने प्रत्याशी की जाति-धर्म को महत्वपूर्ण बताया तो 13 % ने इस अति महत्वपूर्ण माना.
- 09 % वोटर्स ने प्रत्याशी द्वारा नकदी-शराब वितरण को महत्वपूर्ण तो 15 % ने अति महत्वपूर्ण बताया.
वोटर्स की जागरुकता का जब आंकलन किया गया तो देखिए किस तरह के नतीजे सामने आए.
- 61 % वोटर्स ने बोला कि उन्हें पता है कि शराब, पैसा बांटना अवैध है.
- 18 % ने कहा कि उन्हें पता है कि चुनाव में शराब और पैसा बंटता है.
- 36 % ने कहा कि उन्हें पता है कि क्रिमिनल कैंडीडेट्स के बारे में उन्हें सूचना मिल सकती है.
- 94 % ने कहा कि वो नहीं चाहते कि आपराधिक केस वाले उम्मीदवार को वोट किया जाए.
- 97 % ने कहा कि जिन पर आपराधिक केस है उन्हें संसद और विधानसभा में नहीं बैठना चाहिए.
सर्वे में इनको किया गया शामिल
यह सर्वे करीब 12 से 13 हजार वोटर्स के बीच किया गया है. इसमें प्रदेश के सभी लोकसभा क्षेत्र के 500 से ज्यादा वोटर्स शामिल हैं. सर्वे में 72 प्रतिशत प्रतिभागी जहां ग्रामीण क्षेत्र से थे. वहीं 28 प्रतिशत प्रतिभागी शहरी क्षेत्र से थे. सवर्ण वर्ग से 58 प्रतिशत, ओबीसी से 14 प्रतिशत, एससी वर्ग से 12 प्रतिशत और एसटी वर्ग से 18 प्रतिशत वोटर्स की राय इस सर्वे में ली गई ताकि इसकी प्रामाणिकता बनी रहे.