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Date: 
05.12.2018
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एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म  (एडीआर) और राजस्थान इलेक्शन वॉच ने प्रदेश में विधानसभा चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों के आपराधिक रिकार्ड, शैक्षणिक योग्यता और संपत्ति को लेकर रिपोर्ट जारी की है। एडीआर के प्रतिनिधि अनिल वर्मा और रेणुका पामेचा ने रिपोर्ट जारी की।

195 उम्मीदवार की आपराधिक पृष्ठभूमि
रिपोर्ट के अनुसार 320 उम्मीदवारों ने खुद पर आपराधिक और 195 उम्मीदवारों ने गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं। एडीआर के अनुसार प्रदेश में ऐसे 48 विधानसभा क्षेत्र हैं जहां 3 या इससे ज्यादा उम्मीदवारों ने खुद पर आपराधिक मामले घोषित किए।

 

इस बार कांग्रेस, भाजपा, आप और बसपा सहित प्रमुख दलों में आपराधिक पृष्ठभूमि वाले कंडीडेट को टिकट देने का प्रतिशत बढ़ा है। इसमें कांग्रेस ने सबसे ज्यादा 22 प्रतिशत आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है। भाजपा ने 17 प्रतिशत, आम आदमी पार्टी ने 18 और बसपा ने 17 प्रतिशत आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों को चुनाव में टिकट दिया है। 

 

किस पार्टी से कितने प्रत्याशी मैदान में 
चुनाव लड़ने वाले 2,294 उम्मीदवारों में से 2,188 के शपथ पत्रों का विश्लेषण किया गया। इन सभी उम्मीदवारों में से 608 राष्ट्रीय दलों से, 209 राज्य दलों से, 584 गैर मान्यता प्राप्त दलों से और 787 निर्दलीय चुनाव लड़ रहे है। 106 उम्मीदवारों के शपथ पत्रों में जानकारी स्पष्ट ना होने के कारण उनका विश्लेषण नहीं किया गया। 
 

इस बार भाजपा में 160 उम्मीदवार करोड़पति  
इस बार के चुनावों में 597 करोड़पति उम्मीदवार हैं। इनमें जमींदार पार्टी की कामिनी जिंदल सबसे अमीर प्रत्याशी है। दूसरे नंबर पर कांग्रेस के धोद से प्रत्याशी परसराम मोरिदया और तीसरे नंबर पर नीमकाथाना से भाजपा उम्मीदवार प्रेम सिंह बाजौर हैं। उम्मीदवारों की औसतन संपत्ति 2.12 करोड़ रुपए है।

 

भाजपा में 160 करोड़पति प्रत्याशी हैं। वहीं कांग्रेस में 149, आप में 25, बसपा में 40 और आरएलपी में 19 उम्मीदवार करोड़पति है। वहीं 9 उम्मीदवारों ने अपनी संपत्ति शून्य घोषित की है। प्रेम सिंह बाजौर, ममता शर्मा और अशोक परनामी ने आयकर विवरण में सबसे ज्यादा सालाना आय घोषित की है। 106 उम्मीदवारों ने अपनी आय का स्त्रोत घोषित नहीं किया है। 

 

सर्वे: साढ़े 12 हजार लोगों की राय, रोजगार प्रमुख मुद्दा  
प्रदेश के 25 लोकसभा क्षेत्रों में साढ़े 12 हजार लोगों से 25 बिंदुओं पर की गई बातचीत के अनुसार 69 प्रतिशत शहरी और 66 प्रतिशत ग्रामीण लोगों ने रोजगार को प्रमुख मुद्दा बताया। 65 प्रतिशत लोग मुख्यमंत्री उम्मीदवार को ध्यान में रखकर वोट करते हैं। 43 प्रतिशत लोगों ने माना कि उनके लिए पार्टी सबसे अहम है। 48 फीसदी लोग उम्मीदवार देखकर मतदान करते हैं। इसमें पानी, बिजली, सड़क, भोजन, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर लोगों से बातचीत की गई है।

 

12 निरक्षर और 161 साक्षर  
विधानसभा चुनाव में 1,034 उम्मीदवारों की शैक्षिक योग्यता 5 वीं और 12 वीं के बीच है। वहीं 943 उम्मीदवार स्नातक या इससे ज्यादा शिक्षित है। इसके अलावा 161 उम्मीदवार साक्षर और 12 उम्मीदवार असाक्षर है। 

 

182 महिलाएं चुनाव मैदान में 
प्रदेश में इस बार 182 महिलाएं चुनाव मैदान में है। कांग्रेस भाजपा ने महिलाओं को इस बार भी 33 फीसदी मौका नहीं दिया।

 

ज्यादातर उम्मीदवार की आयु 41-60 के बीच 
विधानसभा चुनाव में 847 उम्मीदवारों की उम्र 25 से 40 साल के बीच है। जबकि 1,019 उम्मीदवार 41 से 60 साल की उम्र के है। 318 उम्मीदवार ऐसे है जिनकी उम्र 61 से 80 साल और 4 उम्मीदवारों की आयु 80 साल से भी ज्यादा है। 

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