सांसदों से जुड़ा डाटा एकत्र करने वाली संस्था ADR की रिपोर्ट के मुताबिक आंध्र प्रदेश के 11 सांसदों में से 5 (45 फीसदी), तेलंगाना के 7 सांसदों में से 3 (43 फीसदी), महाराष्ट्र के 19 सांसदों में से 3 (16 फीसदी), 1 (33 फीसदी) ) दिल्ली के 3 सांसदों में से 2 (29 प्रतिशत), पंजाब के 7 सांसदों में से 2 सांसदों के पास 100 करोड़ से ज्यादा संपत्ति है.
राज्यसभा के लगभग 12 फीसदी मौजूदा सासंद अरबपति हैं. इसमें भी सबसे ज्यादा अरबपति सांसद आंध्र प्रदेश और तेलंगाना से हैं. ये जानकारी एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की रिपोर्ट सामने आई है. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) और नेशनल इलेक्शन वॉच (NEW) ने 233 राज्यसभा सांसदों में से 225 के आपराधिक, वित्तीय और अन्य पृष्ठभूमि विवरणों का विश्लेषण किया है. बता दें कि मौजूदा राज्यसभा में एक सीट खाली है.
रिपोर्ट के मुताबिक आंध्र प्रदेश के 11 सांसदों में से 5 (45 फीसदी), तेलंगाना के 7 सांसदों में से 3 (43 फीसदी), महाराष्ट्र के 19 सांसदों में से 3 (16 फीसदी), 1 (33 फीसदी) ) दिल्ली के 3 सांसदों में से 2 (29 प्रतिशत), पंजाब के 7 सांसदों में से 2 (29 प्रतिशत), हरियाणा के 5 सांसदों में से 1 (20 फीसदी) और मध्य प्रदेश के 11 सांसदों में से 2 (18 प्रतिशत) ने संपत्ति की घोषणा की है. इन सभी सांसदों की संपत्ति 100 करोड़ रुपये से ज्यादा है.
तेलंगाना के 7 संसदों की कुल संपत्ति 5,596 करोड़ रुपये है, आंध्र प्रदेश से 11 सांसदों की कुल संपत्ति 3,823 करोड़ रुपये है और उत्तर प्रदेश के 30 सांसदों की कुल संपत्ति 1,941 करोड़ रुपये है.
रिपोर्ट के आधार पर 225 राज्यसभा सांसदों में से 75 (33 प्रतिशत) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं. इसके अलावा लगभग 41 (18 प्रतिशत) राज्यसभा सांसदों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं. इसमें दो सदस्यों ने हत्या (आईपीसी धारा 302) से संबंधित मामले घोषित किए हैं. जबकि 4 राज्यसभा सांसदों ने महिलाओं के खिलाफ अपराध से संबंधित मामलों की घोषणा अपने हलफनामे में की है.
बीजेपी के 85 राज्यसभा सांसदों में से लगभग 23 (27 प्रतिशत), कांग्रेस के 30 सांसदों में से 12 (40 प्रतिशत), AITC के 13 सांसदों में से 4 (31 प्रतिशत), आरजेडी के 6 में से 5 सांसद (83 प्रतिशत), सीपीआई (एम) के 5 सांसदों में से 4 (80 प्रतिशत), आम आदमी पार्टी के 10 सांसदों में से 3 (30 प्रतिशत), वाईएसआरसीपी के 9 सांसदों में से 3 (33 प्रतिशत), और एनसीपी की 3 में से 2 सांसदों ने अपने हलफनामे में अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं.