संसद के उच्च सदन यानी राज्यसभा के एक तिहाई सदस्यों के खिलाफ क्रिमिनल केस चल रहे हैं। 2 के खिलाफ तो हत्या और 4 के खिलाफ हत्या के प्रयास जैसे गंभीर आरोप हैं। पार्टियों के हिसाब से बात करें तो सबसे ज्यादा सीपीएम के 80 प्रतिशत सांसद दागी हैं।
हाइलाइट्स
- राज्यसभा के 33 प्रतिशत सांसदों के खिलाफ आपराधिक केस
- 2 सांसदों के खिलाफ हत्या के मामले, 4 के खिलाफ हत्या के प्रयास के केस
- सीपीएम के 5 सांसदों में से 4 यानी 80 प्रतिशत के खिलाफ आपराधिक केस
राज्यसभा के मौजूदा 225 सदस्यों में से 33 प्रतिशत ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने की जानकारी दी है जबकि इन सांसदों की कुल संपत्ति 19,602 करोड़ रुपये है। चुनाव अधिकार निकाय एडीआर ने सांसदों के हलफनामों के विश्लेषण के आधार यह जानकारी दी है। इसके अलावा इन सांसदों में से 31 यानी 14 प्रतिशत अरबपति हैं। सीपीएम के 5 राज्यसभा सांसदों में से 4 पर क्रिमिनल केस चल रहे हैं यानी पार्टी के 80 प्रतिशत सांसद दागी हैं।
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने यह भी कहा कि इनमें से 18 प्रतिशत सांसदों ने गंभीर आपराधिक मामले दर्ज होने की जानकारी दी है, जिनमें हत्या और हत्या के प्रयास के मामले शामिल हैं।
एडीआर और नेशनल इलेक्शन वॉच (एनईडब्ल्यू) की तरफ से किए गए विश्लेषण में, दो राज्यसभा सदस्यों ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 के तहत हत्या से जुड़े मामलों जबकि चार सांसदों ने धारा 307 के तहत हत्या के प्रयास से संबंधित मामलों की जानकारी दी है।
रिपोर्ट के अनुसार, 'राज्यसभा के 225 मौजूदा सदस्यों में से 75 (33 प्रतिशत) ने अपने खिलाफ आपराधिक और 40 (18 प्रतिशत) ने गंभीर आपराधिक मामले दर्ज होने की जानकारी दी है।'
विश्लेषण में सांसदों के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों की राजनीतिक दलों के लिहाज से भी पड़ताल की गई।
इस मामले में भाजपा सबसे आगे रही, जिसके 90 राज्यसभा सदस्यों में से 23 प्रतिशत के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। कांग्रेस के 28 सांसदों में से 50 प्रतिशत के खिलाफ ऐसे मामले दर्ज हैं।
एडीआर के विश्लेषण में कहा गया है कि टीएमसी के 13 राज्यसभा सदस्यों में से पांच (38 प्रतिशत), राष्ट्रीय जनता दल के छह सदस्यों में से चार (67 प्रतिशत), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के पांच में से चार (80 प्रतिशत), आम आदमी पार्टी के 10 सांसदों में से तीन (30 प्रतिशत), वाईएसआरसीपी के 11 राज्यसभा सदस्यों में से चार (36 प्रतिशत) और द्रमुक के 10 सांसदों में से दो (20 प्रतिशत) ने हलफनामों में अपने खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने की जानकारी दी है।
आपराधिक पृष्ठभूमि के अलावा, विश्लेषण में राज्यसभा सदस्यों की संपत्ति की भी पड़ताल की गई, जिसमें पता चला कि प्रति सांसद औसत संपत्ति 87.12 करोड़ रुपये है।
आंकड़ों का और विश्लेषण करते हुए, रिपोर्ट में विभिन्न राजनीतिक दलों की संपत्ति में महत्वपूर्ण असमानताएं सामने आईं।
प्रमुख दलों में, भाजपा के 90 में से 9 (10 प्रतिशत), कांग्रेस के 28 में से 4 (14 प्रतिशत), वाईएसआरसीपी के 11 में से 5 (45 प्रतिशत), आप के 10 में से 2 (20 प्रतिशत), टीआरएस के चार में से 3 (75 प्रतिशत) और राजद के 6 सांसदों में से 2 (33 प्रतिशत) ने 100 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति घोषित की है।
विश्लेषण के अनुसार राज्यसभा के मौजूदा सदस्यों की कुल संपत्ति 19,602 करोड़ रुपये है।