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Date: 
05.08.2016
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new delhi

भारत में मंत्रियों का आपराधिक रिकॉर्ड होना कोई नई बात नहीं है. बाहुबली से लेकर किलर तक आराम से मंत्री पद पर बैठ जाते हैं. हाल ही में इस संबंध में एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) और नेशनल इलेक्शन वॉच (NEW) ने एक सर्वे किया. इसमें राज्यवार मंत्रियों के आपराधिक रिकार्ड के आंकड़े हैं, जो काफी चौंकाने वाले हैं. 

इस सर्वे के अनुसार, भारत के 29 राज्यों और दो केंद्रशासित प्रदेशों के 609 मंत्रियों में से 210 पर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. वहीं दूसरी ओर केंद्रीय मंत्रीमंडल के 78 मंत्रियों में से 24 पर केस दर्ज है. इस तरह 31 फीसदी केंद्रीय मंत्री और राज्य सरकारों के लगभग 34 फीसदी मंत्रियों के दामन पर जुर्म का बदनुमा दाग लगा हुआ है.

  • देश के 78 मंत्रियों में से 24 मंत्री (31 फीसदी) अपराधी हैं. इनमें से 14 मंत्रियों (18 फीसदी) पर अपराध के गंभीर मुकदमे दर्ज हैं.
  • 29 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों के 609 मंत्रियों में से 210 मंत्री (34 फीसदी) अपराधी हैं. इनमें 113 मंत्रियों पर गंभीर मुकदमे दर्ज हैं.
  • इस लिस्ट में पहला नंबर झारखण्ड का है, जिसके 11 में से 9 (82 फीसदी) मंत्रियों के नाम आपराधिक मुकदमे दर्ज है.
  • दूसरा नंबर आम आदमी पार्टी वाली दिल्ली सरकार का है. इसके 7 में से 4 (57 फीसदी) मंत्री अपराधी हैं.
  • आंध्र प्रदेश से अलग हुए तेलंगाना के टीआरएस सरकार के 17 में से 9 (53 फीसदी) मंत्रियों की छवि आपराधिक है.
  • महाराष्ट्र की फड़नवीस सरकार के 39 मंत्रियों में से 18 (46 फीसदी) मंत्रियों का आपराधिक रिकॉर्ड रहा है.
  • नीतीश कुमार की राजद गठबंधन वाली जंगलराज सरकार में 28 में से 11 मंत्री (39 फीसदी) अपराधी हैं.
  • बगावत का बोझ झेल रहे उत्तराखंड की राज्य सरकार के 8 मंत्रियों की तुलना में 2 (25 फीसदी) मंत्रियों की छवि आपराधिक है
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