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चुनाव और चुनावी प्रक्रिया पर शोध और अध्ययन के साथ नजर रखने वाली संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) के ताजा सर्वे में सामने आया है कि देश के लोग मोदी सरकार के कामकाज से संतुष्ट नहीं हैं। सोमवार को जारी एडीआर की रिपोर्ट में बताया गया है कि मतदाताओं की 10 प्राथमिकताओं के आधार पर मोदी सरकार के कामकाज का स्कोर औसत से भी कम आया है।

समाचार एजेंसी आईएएनएस ने इस सर्वेक्षण के हवाले से बताया है कि भारतीय मतदाताओं के लिए 'रोजगार का अच्छा अवसर' शीर्ष प्राथमिकता है। लेकिन मतदाताओं की 10 प्राथमिकताओं के आधार पर सरकार के कामकाज का स्कोर औसत से भी कम आया है।

रोजगार को लेकर सरकार का प्रदर्शन बदतर में से एक माना गया

सर्वे के मुताबिक, मतदाताओं की शीर्ष प्राथमिकता बेहतर रोजगार अवसर को लेकर रही और इस क्षेत्र में सरकार का प्रदर्शन बदतर में से एक माना गया। पांच के स्केल पर कुल 2.15 की रेटिंग इसे मिली। मतदाताओं की प्राथमिकता के दो अन्य मुद्दों 'बेहतर स्वास्थ्य सेवा' और 'पेयजल' के मामले में भी प्रदर्शन औसत से कम रहा है।

सैन्य शक्ति से ज्यादा जरूरी मूलभूत सुविधाएं

इसमें कहा गया है, "मतदाताओं की शीर्ष 10 प्राथमिकता को देखने से साफ है कि भारतीय मतदाता आतंकवाद एवं मजबूत सुरक्षा व सैन्य शक्ति जैसे शासन के मुद्दों की तुलना में रोजगार और स्वास्थ सेवा, पेयजल, बेहतर सड़कों जैसी मूलभूत सुविधाओं को अधिक महत्व देते हैं।"

31 प्राथमिकताओं में सरकार का प्रदर्शन औसत से नीचे

एडीआर ने कहा कि यह गंभीर चिंता की बात है कि मतदाताओं की 31 प्राथमिकताओं में से किसी के भी मामले में सरकार का प्रदर्शन औसत या औसत से ऊपर नहीं रहा।

सरकार को तय करनी होंगी प्राथमिकताएं

सर्वेक्षण के नतीजे में कहा गया है, "इससे स्पष्ट संकेत मिल रहा है कि मतदाता सरकार के कामकाज से संतुष्ट नहीं हैं। सरकार को प्राथमिकताएं तय करनी होंगी और इन क्षेत्रों में अधिक निवेश करना होगा।"

534 लोकसभा क्षेत्रों में किया गया सर्वेक्षण

एडीआर ने यह सर्वेक्षण अक्टूबर 2018 से दिसंबर 2018 के बीच 534 लोकसभा क्षेत्रों में 2,73,487 मतदाताओं के बीच किया।