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भारतीय संसद करोड़पतियों का क्लब बनती जा रही है। 16वीं लोकसभा चुनाव में जीत कर आए सांसदों में करोड़पतियों की संख्या में गजब इजाफा हुआ तो इसी तरह राज्यसभा में भी करोड़पति सांसदों की संख्या ऐतिहासिक हो गई है। ताजा आंकड़े के मुताबिक जून में चुने गए 57 राज्यसभा सांसदों में से 55 करोड़पति हैं। इनमें से तीन तो ऐसे हैं, जिनकी साझा संपत्ति साढ़े छह सौ करोड़ रुपए से ज्यादा है। एनसीपी के प्रफुल्ल पटेल की संपत्ति 252 करोड़ है तो कांग्रेस के कपिल सिब्बल की संपत्ति 216 करोड़ है। बसपा के सांसद सतीश चंद्र मिश्र की संपत्ति 193 करोड़ रुपए है।

इस बार के दोवार्षिक चुनाव में जीते सिर्फ दो ही सांसद हैं, जो करोड़पति नहीं हैं। दोनों भाजपा के सांसद हैं। मध्य प्रदेश से दूसरी बार जीते अनिल माधव दवे और राजस्थान से राज्यसभा के लिए चुने गए रामकुमार वर्मा की संपत्ति करोड़ में नहीं है। इससे पहले सांसदों के हलफनामों का आकलन करने वाली संस्था एडीआर ने 16वीं लोकसभा चुनाव के बाद जीते हुए सांसदों के हलफनामों का मूल्यांकन करके बताया था कि लोकसभा में करोड़पति सांसदों की संख्या दोगुनी हो गई है। लोकसभा के 543 सांसदों में से तीन सौ से ज्यादा सासंद करोड़पति हैं।

15वीं लोकसभा में करोड़पति सांसदों की संख्या डेढ़ सौ के करीब थी। एक आकलन यह भी किया गया है कि अगर किसी उम्मीदवार की संपत्ति पांच करोड़ रुपए से ज्यादा है तो लोकसभा चुनाव में उसके जीतने की संभावना दूसरे उम्मीदवार की तुलना में 50 फीसदी तक ज्यादा होती है। यानी लोकसभा का चुनाव हो या राज्यसभा का यह पूरी तरह पैसे का खेल बनता जा रहा है। और दोनों सदनों में ज्यादा से ज्यादा पैसे वालों के चुने जाने की संभावना बढ़ गई है।


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