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Source
The India Daily
https://www.theindiadaily.com/india/assets-of-national-parties-increased-by-rs-1531-crore-in-a-year-revealed-in-adr-report-1693844530
Author
Sagar Bhardwaj
Date
City
New Delhi

एडीआर ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि सभी राष्ट्रीय पार्टियां इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया के दिशानिर्देशों का पालन नहीं कर रही हैं, जिनके मुताबिक पार्टियों को यह बताना होता है कि उन्होंने किन बैंकों, एजेंसियों से लोन लिया है.

देश की आठ राष्ट्रीय पार्टियों की घोषित संपत्ति  1 साल में 1531 करोड़ रुपए बढ़ी है. द एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है.

इन पार्टियों में बीजेपी, कांग्रेस, नेशनल कांग्रेस पार्टी (NCP), बहुजन समाज पार्टी (BSP), कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (CPI), कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया, माओवादी CPI(M), तृणमूल कांग्रेस  और नेशनल पीपुल्स पार्टी शामिल हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक, 2020-21 में इन पार्टियों की संपत्ति 7,297.62 करोड़ थी जो 2021-22 में बढ़कर 8,829.16 करोड़ रुपए हो गई.

पिछले एक साल में 1056 करोड़ बढ़ी बीजेपी की संपत्ति

पार्टी           2020-21    2021-22     अंतर

बीजेपी        4,990        6,046         +1056

कांग्रेस        691.11     805.68       +114

CPI(M)     654.79     735.77       + 80.98

BSP          732.79     690.71       -42

TMC         182          458            +276

ये सभी आंकड़े रुपए में हैं

1 साल में इन पांच पार्टियों का कर्ज हुआ कम

2020-21 के दौरान नेशनल पार्टियों के ऊपर 103.55 करोड़ रुपए का कर्ज था, जिसमें से कांग्रेस पर 71 करोड़, बीजेपी पर 16 करोड़, सीपीआई (एम) के ऊपर 16 करोड़, टीएमसी के ऊपर 3.8 करोड़, एनसीपी के ऊपर 0.73 करोड़ रुपए का कर्ज था.

जबकि 2021-22 के दौरान कांग्रेस का कर्ज घटकर 41.9 करोड़, बीजेपी का 5 करोड़,  सीपीआई (एम) का 12 करोड़, टीएमसी का 2.5 करोड़, एनसीपी का 0.72 करोड़ रह गया.

एक साल में 1572 करोड़ बढ़ा राष्ट्रीय पार्टियों का रिजर्व फंड
पिछले एक साल में राष्ट्रीय पार्टियों का फंड 1572 करोड़ रुपए बढ़ा है. 2020-21 में इन पार्टियों का रिजर्फ फंड  7194 करोड़ था जो 2021-22 में बढ़कर 8766 करोड़ रुपए हो गया.

दिशानिर्देश का पालन नहीं कर रहीं पार्टियां

एडीआर ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि सभी राष्ट्रीय पार्टियां इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया के दिशानिर्देशों का पालन नहीं कर रही हैं, जिनके मुताबिक पार्टियों को यह बताना होता है कि उन्होंने किन बैंकों, एजेंसियों से लोन लिया है.


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