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Date: 
30.08.2018
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सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक याचिका की सुनवाई की जिसमें विशेष अदालतों के निर्माण के लिए दिशा-निर्देश जारी करने को कहा गया। इन अदलतों में उन सांसदों और विधायकों के खिलाफ सुनवाई होगी जिनपर आपराधिक मामले चल रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को 5 सितंबर तक इस मामले में अपना विस्तृत जवाब दाखिल करने को कहा है। जिसके बाद वह मामले की सुनवाई करेगा। इससे पहले कोर्ट ने केंद्र सरकार को आपराधिक रिकॉर्ड वाले सांसदों और विधायकों का ब्यौरा ना देने की वजह से लताड़ लगाई।

एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार देश के 51 सांसद और विधायक ऐसे हैं जिनपर महिला के खिलाफ अपराध करने के मामले दर्ज हैं। एडीआर चुनाव के समय जनप्रतिनिधियों द्वारा दायर किए गए शपथ पत्र का अध्ययन करती है। एडीआर रिपोर्ट के अनुसार देश के 33 फीसदी सांसद और विधायक ऐसे हैं जिनके खिलाफ आपराधिक मामले चल रहे हैं। एडीआर ने 4852 विधायकों और सांसदों के हलफनामे पर अध्ययन करके यह रिपोर्ट तैयार की है। जिसमें बताया गया है कि 48 विधायकों और 3 सांसदों ने अपने हलफनामे में महिलाओं के खिलाफ अपराध करने की बात को स्वीकार किया है।

रिपोर्ट के मुताबिक 34 ऐसे उम्मीदवार हैं जिनके खिलाफ महिलाओं के प्रति अपराध के मुकदमे दर्ज हैं, लेकिन उन्हें मान्यता प्राप्त राजनीतिक पार्टियों ने टिकट दिया है। हलफनामे के अध्ययन से यह बात सामने आई है कि आपराधिक छवि वाले सबसे ज्यादा सांसद और विधायक महाराष्ट्र से हैं। यहां के 12 ऐसे गणमान्य शख्स हैं। इसके बाद दूसरे और तीसरे नंबर पर पश्चिम बंगाल और ओडिशा आते हैं। जिन जनप्रतिनिधियों के ऊपर अपराधिक मामले दर्ज हैं, उनमें सबसे बड़ी संख्या भाजपा की है। इस पार्टी के 14 सांसदों, विधायकों के खिलाफ ऐसे मामले दर्ज हैं। दूसरे नंबर पर शिवसेना है, जिसके 7 जनप्रतिनिधियों पर अपराधिक मामले दर्ज हैं। तीसरे नंबर पर तृणमूल कांग्रेस है।

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